प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा पर कौनसे समझौते हुए और 'शांति' को लेकर क्या हुई बातचीत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय पोलैंड और 7 घंटे की यूक्रेन यात्रा के बाद भारत लौट आए हैं। इसी के साथ मोदी यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की, महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की और यूक्रेन युद्ध में मारे गए बच्चों को भी श्रद्धांजलि दी। आइए जानते हैं कि मोदी की यूक्रेन यात्रा के
भारत-यूक्रेन के बीच हुए 4 समझौते
यात्रा के दौरान भारत और यूक्रेन के बीच 4 समझौते हुए। पहला समझौता मानवीय मदद को लेकर किया गया। इसके अलावा सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने, कृषि और विज्ञान में सहयोग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी समझौते हुए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, शिक्षा आदि पर चर्चा हुई।
भारत ने फिर दिखाई शांति की राह
यात्रा के जरिए प्रधानमंत्री ने भारत का शांति संदेश यूक्रेन तक पहुंचाया। इससे भारत की तटस्थ रहने की नीति फिर दुनिया के सामने आई। प्रधानमंत्री ने कहा, "संघर्ष की शुरुआत से ही भारत तटस्थ या उदासीन दर्शक नहीं रहा है। भारत सदैव शांति के पक्ष में रहा है।" प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति लाने में सक्रिय भूमिका निभाने की भारत की इच्छा भी व्यक्त की और इसका भरोसा जेलेंस्की को दिया।
संतुलन साधने में कामयाब रहा भारत?
रूस मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर राजन कुमार ने BBC से कहा, "ये पश्चिमी देशों के लिए एक संकेत है कि भारत एक संतुलित विदेश नीति रखता है। मोदी पहले रूस गए थे जिससे पश्चिमी देश नाराज हो गए थे। भारत QUAD का सदस्य है, इसके बावजूद वो रूस का साथ देता है। इस यात्रा से यह बताने की कोशिश है कि भारत की विदेश नीति संतुलित है। ये एक तरफ संतुलनतो दूसरी तरफ 'पुल बांधने' का प्रयास है।"
व्यापार को लेकर क्या हुई बातचीत?
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत में निर्मित उत्पादों को खरीदकर और भारतीय कंपनियों को कीव में अनुमति देकर भारत के साथ सीधे जुड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मेड-इन-इंडिया उत्पाद खरीदने पर भी सहमति जताई। जेलेंस्की ने कहा कि हम आपकी कंपनियों को कीव में खोलने के लिए तैयार हैं और हम भारत में अपनी कंपनियां भी खोलने के लिए तैयार हैं। हालांकि, देखना होगा कि ये धरातल पर कैसे काम करता है।
भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी दी
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत ने यूक्रेन की मदद के लिए 22 टन वजन के चिकित्सा सहायता उपकरण भी सौंपे हैं। विदेश मंत्री ने इसकी जानकारी दी है। इन्हें भीष्म क्यूब के नाम से जाना जाता है। ये एक तरह के अत्याधुनिक मोबाइल अस्पताल हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत तैनात किया जा सकता है। इसमें सभी जरूरी दवाएं और उपकरण हैं, जिनका चोट, रक्तस्राव, जलन, फ्रैक्चर जैसे 200 मामलों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
शांति प्रयासों के लिए क्या हैं यात्रा के मायने?
नवभारत टाइम्स से रक्षा विशेषज्ञ यूके देवनाथ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय मुलाकात से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होगा। विश्व पटल पर रूस के साथ और दुनिया के बाकी देशों के साथ बातचीत की संभावना को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के माध्यम से रूस से युद्ध का समाधान निकालने की ओर अग्रसर होंगे।"