वैज्ञानिकों ने बनाया खास रोबोट, रेडियो तरंगों से देखने में है सक्षम
क्या है खबर?
अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक खास रोबोट बनाया है, जो रेडियो तरंगों का उपयोग कर धुएं और अन्य बाधाओं के पार देख सकता है।
यह तकनीक खोज और बचाव अभियानों में मदद कर सकती है। यह रोबोट रेडियो तरंगें छोड़ता है और उनके परावर्तन के आधार पर 3D दृश्य बनाता है।
पारंपरिक कैमरों और सेंसर की तुलना में, यह घने धुएं, बारिश और कोनों के पीछे की चीजों को भी देख सकता है।
उपयोग
रेडियो तरंगों का उपयोग और नई तकनीक
रेडियो तरंगों का उपयोग पहले से ही रडार में जहाजों, विमानों और मौसम को ट्रैक करने के लिए किया जाता रहा है।
इस रोबोट में घूमने वाला उपकरण सभी दिशाओं में रेडियो तरंगें भेजता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन तरंगों से मिली जानकारी को 3D चित्र में बदल देता है।
यह तकनीक सेना और पुलिस के लिए भी उपयोगी हो सकती है, क्योंकि इससे दीवारों के पीछे छिपे हथियारों या लोगों का पता लगाया जा सकता है।
संभावनाएं
स्वायत्त वाहनों और अन्य उपयोगों में संभावनाएं
इस तकनीक को सेल्फ-ड्राइविंग कारों में भी जोड़ा जा सकता है, जिससे वे कोहरे और बारिश में भी बेहतर देख सकेंगी।
रेडियो तरंगें छिपे हुए हथियारों या विस्फोटकों की पहचान करने में मदद कर सकती हैं। वैज्ञानिकों ने इसे परमाणु हथियारों के सुरक्षित प्रबंधन के लिए उपयोगी माना है।
इस प्रणाली का एक और रूप टेराहर्ट्ज तरंगें हैं, जो दवाओं और अन्य सामग्रियों की पहचान कर सकती हैं। यह तकनीक प्राकृतिक आपदाओं और खोज अभियानों में मददगार हो सकती है।
उपयोग
सुरक्षा और युद्ध क्षेत्र में संभावित उपयोग
यह तकनीक खोज और बचाव कार्यों के लिए बनाई गई है, लेकिन इसका उपयोग सैन्य और पुलिस बलों द्वारा भी किया जा सकता है।
यह दीवारों के आर-पार देखने में मदद कर सकती है, जिससे अपराधियों या दुश्मनों का पता लगाया जा सकता है। अमेरिका और इजरायल की सेनाओं ने इस तकनीक में रुचि दिखाई है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि इससे निगरानी और हमले करना आसान हो सकता है।