
अफगानिस्तान में चीन की 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना के विस्तार के लिए सहमत हुआ तालिबानट
क्या है खबर?
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान को लेकर अहम फैसला हुआ है।
दरअसल, तालिबान चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' (OBOR) परियोजना के अफगानिस्तान में विस्तार पर सहमत हो गया है।
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच हुई बैठक में यह फैसला हुआ है।
बता दें कि अफगान के विदेश मंत्री चार दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर हैं।
संकल्प
चीन-पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण का लिया संकल्प
इस्लामाबाद में किन गैंग और जरदारी के बीच हुई मुलाकात में दोनों देशों ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को तालिबान शासित अफगानिस्तान तक ले जाने और अफगानिस्तान की पुनर्निर्माण प्रक्रिया पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, "दोनों पक्ष अफगान लोगों के लिए अपनी मानवीय और आर्थिक सहायता जारी रखने और अफगानिस्तान में CPEC के विस्तार के माध्यम से सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।"
निवेश
योजना से तालिबान को निवेश की उम्मीद
बता दें कि तालिबान शासित सरकार को किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है और वह फंड की कमी से जूझ रही है। इस योजना से तालिबान को इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मूलभूत निवेश मिलने की उम्मीद है।
इसी साल जनवरी में तालिबान सरकार ने उत्तरी अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी के साथ अनुबंध किया था।
हालांकि, चरमपंथियों के लगातार हमलों के कारण चीनी व्यवसायी निवेश से डर रहे हैं।
परियोजनान
क्या है 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना?
यह परियोजना 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू की गई थी| इसके जरिए चीन पूरी दुनिया में अपने व्यापारिक मार्गों का जाल बिछाना चाहता है।
इसी योजना के अतंर्गत CPEC का भी निर्माण होना है, जिस पर भारत आपत्ति जता रहा है, क्योंकि ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है।
CPEC के जरिए चीन के जिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है।
SCO
SCO मीटिंग के बाद पाक में जुटे चीन-अफगानिस्तान के विदेश मंत्री
5 मई को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें शामिल होने के लिए चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आए थे।
चीन के विदेश मंत्री भारत से ही दो दिवसीय दौरे के लिए पाकिस्तान चले गए थे। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी चार दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर हैं।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी थल सेना के अध्यक्ष जनरल असीम मुनीर से भी मुलाकात की।
फंड
फ्रीज कर दिया गया है तालिबान को मिलने वाला फंड
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद देश के केंद्रीय बैंक में रखी करीब 75,000 करोड़ रुपये की रकम को अमेरिका ने फ्रीज कर दिया है। अमेरिका को डर था कि इस रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि को बढ़ावा देने में हो सकता है।
हालांकि, बाद में अमेरिका आधी संपत्ति रिलीज करने को तैयार हो गया था, लेकिन महिलाओं के काम और शिक्षा पर लगाई पाबंदी के बाद ये फैसला वापस ले लिया गया।