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दोबारा उग सकते हैं इंसान के कटे हुए हाथ-पैर, अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
चीनी अध्ययन के मुताबिक, फिर से उग सकते हैं इंसान के कटे हाथ-पैर

दोबारा उग सकते हैं इंसान के कटे हुए हाथ-पैर, अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

लेखन गौसिया
Mar 19, 2023
05:13 pm

क्या है खबर?

इंसान के शरीर के सभी अंग जरूरी होते हैं। सोचिए अगर हाथ, पैर और उंगली जैसे अंग शरीर से कटकर पूरी तरह से अलग हो जाएं, लेकिन फिर भी इंसान इन अंगों को वापस से उगा लें, तो कितना अच्छा होगा। ये सुनने में आपको काफी अजीब लग रहा होगा, लेकिन एक अध्ययन इसी की ओर इशारा कर रहा है। इस अध्ययन के मुताबिक, जल्द ही इंसान के कटे हुए हाथ-पैर वापस से उग सकते हैं।

अध्ययन

चीन के वैज्ञानिकों ने किया अनोखा अध्ययन

चीन के जियान में स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलीटेक्निकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया, जिसे साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने हिरण के शरीर में मिलने वाली ब्लास्टेमा प्रोजेनिटर नामक कोशिका को चूहे के सिर में डाला। ऐसा करने के 45 दिन बाद चूहे के सिर पर सींग जैसी आकृति निकल आई है। हाथ पैर उगाने वाली ब्लास्टेमा कोशिका को अब इंसानों के शरीर में डालने का प्रयास किया जाएगा।

जानकारी

हिरण में पाई जाती है आत्म नवीकरण वाली कोशिका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लास्टेमा कोशिका हिरण के शरीर में पाई जाती है। जब हिरण के सींग टूटते हैं तो वो इसी कोशिका की मदद से फिर से उगने लगते हैं। अब वैज्ञानिक उसी ब्लास्टेमा कोशिका को इंसानों के फायदे के लिए इसेतमाल करना चाहते हैं।

हिरण का अध्ययन

हड्डियां और कार्टिलेज को दोबारा विकसित करने में मददगार साबित हो सकती है ब्लास्टेमा कोशिका

अध्ययन में बताया गया है कि हिरण की सींगों का अध्ययन करने पर पता चला है कि कैसे वह टूटते हैं और फिर वापस से उग जाते हैं। यह एक बढ़िया मॉडल है, जिससे इंसानों के अंगों को फिर से विकसित करने का प्रयास किया जा सकता है। अध्ययन में आगे बताया गया है कि इंसानों के शरीर में ब्लास्टेमा कोशिका हड्डियों और कार्टिलेज को दोबारा विकसित कर सकता है।

अध्ययन

सिर्फ स्तनधारी जीवों में होती है आत्म नवीकरण वाली कोशिकाएं

अध्ययन के मुताबिक, हिरणों के शरीर में स्टेम कोशिका के अंदर ब्लास्टेमा कोशिका पाई जाती है। यह हिरण के सींग गिरने पर एक्टिव हो जाती हैं और पूरी तरह से सींग के गिरते ही नए सींग को पैदा करने का काम शुरू कर देती है। बता दें कि कई स्तनधारी जीवों में यह कोशिकाएं होती हैं, लेकिन सिर्फ हिरण ही इनका इस्तेमाल करते हैं। वहीं गैर-स्तनधारी जीवों में यह कोशिका नहीं पाई जाती हैं।