भारत को बड़ा आर्थिक झटका, डोनाल्ड ट्रंप ने खत्म की व्यापारिक छूट
अमेरिका ने भारत को दिया गया जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) को समाप्त करने का फैसला किया है। अमेरिका ने कहा भारत ने उसको भरोसा नहीं दिया कि उसे अपने बाजार में बराबर और उचित पहुंच देगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे जुड़ा पत्र अमेरिकी कांग्रेस को भेज दिया है। इस फैसले की जानकारी देते हुए अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (USTR) रॉबर्ट लाइटजर ने कहा कि भारत और तुर्की को GSP से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भारत और तुर्की होंगे GSP से बाहर
अमेरिका ने बताई यह वजह
USTR ने कहा कि अमेरिका ने भारत के दिये गए दर्जे पर रिव्यू किया था। इसमें पता चला कि भारत ने अपने बाजार में कुछ ऐसी व्यापारिक रोक लगाई हैं जिनका अमेरिका के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसे लेकर हुई बातचीत के बाद भी भारत GSP बने रहने के लिए योग्यता को पार नहीं कर पाया। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से फैसले पर दस्तखत किए जाने के बाद 60 दिन का नोटिफिकेशन भेज दिया गया है।
क्या है GSP?
जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) अमेरिका का व्यापारिक कार्यक्रम है जिसके तहत अमेरिका कांग्रेस के बनाए गए नियमों को पूरा करने वाले विकासशील देश अमेरिका में बिना टैक्स दिए अपना सामान आयात कर सकते हैं। इन नियमों में वर्कर राइट्स का पालन, बाल मजदूरी पर रोकथाम और अमेरिका को अपने बाजार में बराबर पहुंच देना आदि शामिल हैं। अमेरिका ने दुनिया के 129 देशों को यह सुविधा दी है जहां से लगभग 4,800 उत्पादों का आयात किया जाता है।
अब आगे क्या?
ट्रंप ने साइन कर यह नोटिफिकेशन अमेरिका कांग्रेस को भेज दिया है। नियमानुसार 60 दिन बाद यह नोटिफिकेशन लागू हो जाएगा। अगर इस बीच भारत और तुर्की अमेरिका की चिंताओं को दूर करने में कामयाब रहते हैं तो ट्रंप यह नोटिफिकेशन वापस ले सकते हैं।
भारत पर होगा यह असर
अगर यह नोटिफिकेशन लागू हो जाता है तो भारत के 5.6 बिलियन डॉलर मूल्य के उत्पादों का अमेरिका में आयात नहीं हो सकेगा। साल 2017 में भारत उन विकासशील देशों में सबसे ऊपर था जिसे GSP का सबसे ज्यादा फायदा मिला था। इस लिहाज से देखा जाए तो GSP से बाहर होना भारत के लिए बड़ा आर्थिक झटका होगा। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी भारत के खिलाफ यह सबसे कड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
तुर्की के बारे में ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने तुर्की को भी GSP से बाहर करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि तुर्की की विकास दर देखकर उसे विकासशील देशों की सूची में नहीं रखा जा सकता। तुर्की ने 2017 में अमेरिका में 1.7 बिलियन डॉलर का आयात किया गया था।
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