
पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को उन्नत कर रहा, चीन और तुर्की से ले रहा मदद- रिपोर्ट
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बदला लेने के लिए भारत की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान में खौफ भर दिया है।
यही कारण है कि वह अब खुद को मजबूत करने के लिए चीन से सैन्य और आर्थिक सहायता प्राप्त कर अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करने में जुट गया है।
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा जारी नवीनतम विश्व खतरा आकलन रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट
चीन कर रहा पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी परमाणु सामग्री, कमान और नियंत्रण की सुरक्षा बनाए रख रहा है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान निश्चित रूप से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और बिचौलियों से सामूहिक विनाश के हथियार खरीद रहा है। इसके लिए तकनीक और विदेशी सामग्री मुख्य रूप से चीन से प्राप्त की जाती है और कभी-कभी हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के माध्यम से भेजी जाती है।
पाकिस्तान
रिपोर्ट में दावा- पाकिस्तान भारत को अस्तित्व के लिए मानता है खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और वह भारत की पारंपरिक सैन्य बढ़त को कम करने के लिए परमाणु हथियारों के विकास सहित अपने सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को जारी रखेगा।"
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पाकिस्तान को एक सहायक सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है, जिसे मई के मध्य में भारत और पाकिस्तान दोनों की सेनाओं द्वारा सीमा पार हमलों के बावजूद प्रबंधित किया जाना चाहिए।
चीन
रिपोर्ट में भारत और चीन को लेकर क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत चीन को अपना प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी मानता है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने और अपने वैश्विक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत क्षेत्रीय साझेदारों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, हथियारों की बिक्री और खुफिया जानकारी साझा कर रहा है।
भारत
रिपोर्ट में भारत की रणनीति को लेकर क्या दावे हैं?
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ाने, विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करने और सेना को आधुनिक बनाने के लिए 'मेड इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-प्रथम प्राइम और अग्नि-पंचम MIRV का परीक्षण किया है। इसके साथ ही भारत ने अपनी दूसरी परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी को भी नौसेना में शामिल किया है।
रूस
रिपोर्ट में भारत-रूस संबंधों का भी जिक्र
रिपोर्ट में भारत-रूस संबंधों पर कहा गया है कि भारत रूस के साथ संबंधों को बनाए रखेगा, क्योंकि वह इन्हें अपने आर्थिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए अहम मानता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूसी मूल के सैन्य उपकरणों की खरीद कम की है, लेकिन अभी भी रूसी मूल के टैंकों और लड़ाकू विमानों के अपने बड़े भंडार को बनाए रखने के लिए रूस पर निर्भर है।