
आतंकवाद के खिलाफ गठित प्रतिनिधिमंडल में शामिल शशि थरूर बोले- यह सम्मान और कर्तव्य की बात
क्या है खबर?
'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी देने और आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत ने सर्वदलीय सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने का निर्णय किया है।
इसमें एक प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व की जिम्मेदारी कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सौंपी गई है। सरकार के इस निर्णय पर अब थरूर ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना उनके लिए कर्तव्य और सम्मान की बात है।
बयान
क्या बोले थरूर?
थरूर ने कहा, "प्रमुख अंतरराष्ट्रीय राजधानियों में पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना उनके लिए कर्तव्य और सम्मान की बात है।"
उन्होंने कहा, "जब राष्ट्र को मेरी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो मैं उपलब्ध रहता हूं। इसका पार्टी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हमें एकजुट मोर्चा पेश करने की आवश्यकता है। यह ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता का एक अच्छा प्रतिबिंब है जब एकता महत्वपूर्ण है।"
स्पष्टता
कांग्रेस की ओर से नाम न भेजे जाने पर क्या बोले थरूर?
कांग्रेस द्वारा नाम न भेजे जाने पर थरूर ने कहा, "मेरी पार्टी का नेतृत्व मेरी योग्यताओं या कमियों के बारे में अपनी राय रखने का हकदार है और मुझे लगता है कि यह बात उन्हें ही स्पष्ट करनी है। इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।"
उन्होंने कहा, "मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और मैं इस जिम्मेदारी को उसी तरह से पूरा करूंगा, जैसे मैंने अपने लंबे कार्यकाल में मुझे सौंपी गई हर जिम्मेदारी को पूरा किया है।"
विवाद
क्या है कांग्रेस की ओर से नाम न भेजने का मामला?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुसार, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 16 मई को कांग्रेस से आतंकवाद के खिलाफ विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए 4 नामों का प्रस्ताव मांगा था।
इस पर कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा, सांसद गौरव गोगोई, राज्यसभा सांसद डॉ सैयद नसीर हुसैन और सांसद राजा बरार के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने थरूर का चयन कर कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया।
कार्य
क्या करेंगे सर्वदलीय सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल?
सरकार की ओर से गठित सर्वदलीय सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल में से प्रत्येक में 5-5 सांसद शामिल किए गए हैं।
ये प्रतिनिधिमंडल 22 या 23 मई से 10 दिनों के दौरे पर अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों में जाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत का पक्ष रखेगा और आतंकवाद पर पाकिस्तान की गतिविधियों को उजागर करेगा।
यह प्रतिनिधिमंडल विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों और मीडिया के साथ भी बातचीत करेगा।