
सिंधु जल संधि पर UN में बोला पाकिस्तान- हमारे 24 करोड़ लोगों की जिंदगी खतरे में
क्या है खबर?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। इससे पाकिस्तान के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
अब उसने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में उठाया है। पाकिस्तान ने कहा कि भारत का यह फैसला बहुत खतरनाक है और यह अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है, जिससे पाकिस्तान के 24 करोड़ से अधिक लोगों की जिंदगी पर खतरा है।
बयान
क्या बोला पाकिस्तान?
UN में पाकिस्तान के दूत उस्मान जादून ने कहा, "सिंधु जल संधि को भारत द्वारा एकतरफा तरीके से निलंबित करना खतरनाक कदम है। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। ये नदियां करोड़ों पाकिस्तानी लोगों के लिए जीवन रेखा हैं।"
उन्होंने भारत से अपील करते हुए कहा कि वह पानी रोकने या मोड़ने जैसे काम न करे। उस्मान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भी अपील की कि वह मामले पर नजर रखे।
पाकिस्तान
पाकिस्तान ने भारत की कथित धमकियों का भी किया जिक्र
उस्मान ने कहा, "पाकिस्तान में लाखों लोगों को पानी पिलाने वाली नदियों के प्रवाह को रोकना या मोड़ना कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत अपने कानूनी दायित्वों को पालन करे।"
उस्मान ने भारत की ओर से की गई 'पाकिस्तान को भूखा मारने' जैसी टिप्पणियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, "भारत का यह कदम क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने और महत्वपूर्ण जल संसाधनों को निशाना बनाकर इस्लामाबाद पर गैर-सैन्य दबाव डालने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।"
भारत का बयान
भारत ने बताया, कब तक स्थगित रहेगी संधि
UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, "65 साल पुरानी यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में जिम्मेदार तरीके से काम किया है। साढ़े 6 दशकों के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर 3 युद्ध और हजारों आतंकी हमले कर उस संधि की भावना का उल्लंघन किया है।"
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- भारत का पानी भारत में ही बहेगा
सिंधु जल संधि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
उन्होंने कहा था, "आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है। पाकिस्तानी फौज और सरकार जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को खत्म कर देगा। भारत का मत स्पष्ट है- आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं हो सकते। पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी।
इसके तहत सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।
पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में भारत ने इस संधि को रद्द करने का फैसला लिया था।