चीन की आक्रमकता को देखते हुए भारत ने गलवान घाटी सेक्टर में तैनात किए T-90 टैंक
क्या है खबर?
चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना ने लद्दाख में गलवान घाटी सेक्टर में छह T-90 मिसाइल फायरिंग टैंक और एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम तैनात किए हैं।
इससे पहले चीन की तरफ से भी सीमा पर सैनिक और हथियारों का जमावड़ा इकट्ठा किया गया था।
एक तरफ जहां सेनाएं सीमा पर तैनाती बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार को कोर कमांडरों की बैठक चल रही है।
विवाद
फिंगर्स एरिया को लेकर है दोनों देशों के बीच विवाद
भारत ने टैंक तैनात करने का फैसला चीन की तरफ से सीमा पर लगातार बढ़ाई जा रही तैनाती के बाद आया है।
पिछले लगभग दो महीने से दोनों देशों के बीच गलवान घाटी के फिंगर्स एरिया को लेकर विवाद जारी है।
15 जून को यह विवाद हिंसक झड़प में बदल गया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। चीन को भी इस झड़प में नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन उसने मरने वाले सैनिकों की संख्या सार्वजनिक नहीं की है।
तैयारी
LAC पर हॉवित्जर तोपों की भी तैनाती
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारत ने पूर्वी लद्दाख में 1,597 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इंफ्रैंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स के साथ-साथ 155mm की हॉवित्जर तोपों का तैनात किया गया है।
जानकारों का कहना है कि चीनी सेना पीछे हटने के लिए इस सेक्टर की शर्त रख सकती है, लेकिन भारत सैन्य तैयारियों में जरा भी कमी के लिए तैयार नहीं है।
अलर्ट
वायुसेना भी अलर्ट पर
सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने वायुसेना को अलर्ट पर रखा है। भारत ने अग्रिम मोर्चों पर सुखोई-30 और मिग-29 लड़ाकू विमानों को तैनात किया है ताकि दुश्मन की हरकतों पर नजर रखी जा सके।
पिछले कुछ दिनों से लड़ाकू विमानों के अलावा चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों को भी लद्दाख के आसमान में उड़ान भरते हुए देखे जा सकते हैं।
साथ ही भारत ने चीन की हवाई गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया है।
बैठक
कोर कमांडरों के बीच शुरू हुई बैठक
सीमा विवाद का हल निकालने और तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की तीसरी बैठक आज सुबह 10:30 बजे शुरू हो गई।
यह बैठक भारतीय क्षेत्र के चुशूल सेक्टर में होगी। चुशूल भारत की तरफ बना बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (BPM) प्वाइंट है।
भारत की तरफ बैठक होने का यह मतलब है कि इस बार बैठक की पहल भारत की तरफ से की गई है।
इससे पहले हुई दो बैठकें चीन की तरफ हुई थी।
जानकारी
दोनों देश हर सप्ताह बैठक करने पर हुए हैं राजी
बिगड़े हालातों को सुधारने के लिए दोनों देशों ने प्रत्येक सप्ताह वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन स्तर की बैठक करने का निर्णय किया है। इसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय के अलावा सैन्य कमांडर भी शामिल होंगे।
तनाव
सितंबर में मिल गए थे मौजूदा टकराव के संकेत
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बढ़ा तनाव भले ही सतह पर अब आया हो, लेकिन इसके पहले संकेत पिछले साल सितंबर में ही मिल गए थे।
11 सितंबर को लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके के फिंगर्स इलाके में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी और तभी से चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को गश्त करने से रोक रहे हैं।
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