अमेरिका और चीन में 2025 में हो सकता है युद्ध- अमेरिकी जनरल
क्या है खबर?
अमेरिका के एक शीर्ष वायुसेना जनरल ने कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच 2025 में युद्ध हो सकता है।
अपने एक मेमो में जनरल माइक मिनिहन ने कहा कि उनका मन कहता है कि 2025 में दोनों देश लड़ेंगे। उन्होंने ताइवान को लेकर ये लड़ाई होने की आशंका जताई।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने खुद को उनके इस बयान से अलग कर लिया है और इसे अमेरिकी सेना के आंकलन के अनुरूप नहीं बताया है।
मेमो
जनरल मिनिहन ने मेमो में क्या कहा?
NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फोर-स्टार जनरल और एयर मोबिलिटी कमांड के प्रमुख मिनिहन ने अपने मेमो में कहा कि अमेरिका और ताइवान दोनों में 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होंगे, जिससे चीन के ताइवान पर कब्जा करने के लिए सैन्य कार्रवाई करने की संभावना पैदा हो सकती है।
उन्होंने कहा, "मैं आशा करता हूं कि मैं गलत साबित हूं, लेकिन मेरा मन कहता है कि 2025 में हमारी लड़ाई होगी।"
रिपोर्ट
जनरल मिनिहन ने युद्ध की तैयारी पर 28 फरवरी तक मांगी रिपोर्ट
जनरल मिनिहन ने अपनी एयर मोबिलिटी कमांड के सभी विंग कमांडर और अन्य ऑपरेशनल कमांडरों को चीन के साध युद्ध की तैयारी के लिए क्या करना चाहिए, 28 फरवरी तक इसकी रिपोर्ट देने को कहा है।
उन्होंने अप्रत्यक्ष शब्दों में अपने विभाग के सभी जवानों को युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दिया है।
बता दें कि एयर मोबिलिटी कमांड में 50,000 जवान और लगभग 500 विमान हैं और इसकी मुख्य जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट और रिफ्यूलिंग है।
प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्रालय ने किया बयान से किनारा
अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने जनरल मिनिहन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये टिप्पणी चीन पर पेंटागन के विचार का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
इसके बावजूद जनरल के इस बयान को अमेरिकी सेना में चीन के ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करने को लेकर बढ़ती चिंता का प्रतीक माना जा रहा है।
अमेरिका वायुसेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक रायडर ने भी कहा कि चीन के साथ सैन्य प्रतिस्पर्धा एक केंद्रीत चुनौती है।
तनाव
ताइवान को लेकर पिछले काफी समय से बना हुआ है तनाव
बता दें कि पिछले कई सालों से ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव बना हुआ है और पिछले साल अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से ये तनाव और बढ़ गया है।
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता रहा है और इस पर कब्जा करने के मंसूबे जाहिर कर चुका है, वहीं अमेरिका ने कहा है कि वह ताइवान की मदद के लिए अपनी सेना भी भेजेगा।
ताइवान
क्या है ताइवान का मुद्दा?
ताइवान पहले चीन का ही एक प्रांत हुआ करता था, लेकिन 1949 में चीनी गृह युद्ध में कम्युनिस्ट पार्टी की जीत के बाद तब सत्ता पर काबिज नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंतांग) के नेता भागकर ताइवान चले गए थे।
इसके बाद से ही ताइवान और चीन अलग हैं और इस दौरान ताइवान में अधिकतर नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंतांग) की सरकार रही।
ताइवान में अभी लोकतांत्रिक सरकार है और वह खुद को एक स्वतंत्र देश के तौर पर देखता है।