भारत-चीन सीमा विवाद: दोनों देशों के बीच 11 मार्च को होगी 15वें दौर की सैन्य वार्ता
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बने सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन 11 मार्च को 15वें दौर की कोर कमांडर स्तर की सैन्य वार्ता करेंगे। रक्षा मंत्रालय से संबंधित सूत्रों ने ये जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच ये बैठक चुशूल-मोल्डो सीमा पर भारत की तरफ होगी। बैठक में लेफ्टिनेट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे। वे अक्टूबर से ही बातचीत में शामिल रहे हैं।
टकराव की जगहों को लेकर किसी समाधान पर पहुंचने पर रहेगा जोर- सूत्र
सूत्रों ने बताया कि बैठक में दोनों पक्षों का मुख्य ध्यान टकराव की जगहों को लेकर किसी समाधान पर पहुंचना होगा। उन्होंने कहा कि सभी को स्वीकार्य समाधान खोजने पर दोनों पक्षों के हालिया बयान सकारात्मक रहे हैं। बता दें कि भारत और चीन के बीच जनवरी में 14वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी, हालांकि ये वार्ता असफल रही और गतिरोध तोड़ने को लेकर दोनों पक्षों में कोेई सहमति नहीं बन पाई।
अप्रैल, 2020 से पूर्वी लद्दाख में बना हुआ है तनाव
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल, 2020 से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। तब चीन ने यहां बड़ी संख्या में हथियारों और सैनिकों की तैनाती कर दी थी। उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को तनाव हिंसा में बदल गया। इसी खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए।
इन इलाकों में अभी भी बना हुआ है तनाव
कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद गोगरा पोस्ट और पैंगोंग झील के किनारों से तो दोनों देशों के सैनिक वापस हट चुके हैं, लेकिन हॉट स्प्रिंग, देप्सांग के मैदानी इलाकों और डेमचोक में अभी भी दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं। देप्सांग के मैदानी इलाकों में चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट तक गश्त से रोक रहे हैं, वहीं डेमचोक में कुछ चीन ने LAC से भारत की तरफ वाले इलाके में टैंट लगाए हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने की घुसपैठ
चीन ने लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी घुसपैठ की है और यहां भारतीय सीमा के अंदर घुसकर दो गांव बसा लिए हैं। चीन ने एक गांव अरुणाचल प्रदेश के शी-योमी जिले में बनाया है और इसमें लगभग 60 घर हैं। ये गांव भारतीय सीमा के छह-सात किलोमीटर अंदर है। चीन द्वारा बसाए गए दूसरे गांव में लगभग 100 घर हैं। इसके अलावा चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम भी बदल दिए हैं।