किंग चार्ल्स ने ब्रिटेन के महाराजा के रूप में ली शपथ, बोले- सेवा करने आया हूं
किंग चार्ल्स तृतीय ने एक भव्य समारोह में ब्रिटेन के महाराजा के तौर पर शपथ ली है। आर्चबिशप ऑफ कैंटबरी ने उन्हें लंदन के प्रसिद्ध चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में शपथ दिलाई। इसके बाद उन्हें शाही ताज पहनाया गया और राजशाही के प्रतीकों को सौंपा गया। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्स को राजा बनाया गया था। इसके बाद आज उनका औपचारिक राज्याभिषेक किया गया है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
सेवा लेने नहीं, करने आया हूं- किंग चार्ल्स
किंग चार्ल्स ने समारोह के दौरान कहा कि वे यहां सेवा लेने नहीं बल्कि करने आए हैं। शपथ के दौरान किंग चार्ल्स से पूछा गया कि क्या वह अपने शासनकाल के दौरान कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को बनाए रखेंगे? किंग ने इस पर हामी भरी। समारोह में सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व हो इसके लिए हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के धार्मिक नेता एवं प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
किंग चार्ल्स की ताजपोशी भी की गई
क्वीन कैमिला की भी हुई ताजपोशी
इसी समारोह में किंग चार्ल्स की पत्नी क्वीन कैमिला की भी ताजपोशी की गई। अब वे आधिकारिक रूप से ब्रिटेन की रानी बन गई हैं। हालांकि, उन्हें शपथ नहीं दिलवाई गई। क्वीन कैमिला को क्वीन मैरी का ताज पहनाया गया। 18वीं शताब्दी के बाद यह पहली बार है, जब किसी क्वीन क्राउन का दोबारा इस्तेमाल हुआ है। राज्याभिषेक से पहले इस ताज में लगे बेशकीमती हीरों में कई बदलाव किए गए हैं।
2,000 खास मेहमानों के बीच हुई रस्म
इस समारोह में देश-दुनिया के करीब 2,000 खास मेहमानों ने हिस्सा लिया। स्पेन के किंग फिलिप चतुर्थ, मोनाको के प्रिंस अल्बर्ट और जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय भी समारोह में पहुंचे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉं, अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन, यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्की, भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत कई अहम हस्तियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके अलावा संगीत और कला से जुड़े दिग्गज लोग भी समारोह में शामिल हुए।
तीन दिन तक चलेगा समारोह
बता दें कि राज्याभिषेक समारोह तीन दिन तक चलेगा। इस दौरान अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए सोमवार को ब्रिटेन में अतिरिक्त अवकाश की घोषणा की गई है। पूरे आयोजन में करीब 1,021 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद 70 साल में पहली बार ब्रिटेन में राज्याभिषेक समारोह आयोजित हो रहा है। हालांकि, महारानी एलिजाबेथ के कार्यक्रम के मुकाबले ये कार्यक्रम कई मायनों में छोटा है।