लंदन में आज होगा महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार, भारतीय राष्ट्रपति समेत तमाम वैश्विक नेता मौजूद
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आज राजकीय सम्मान के साथ लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के बाद ये ब्रिटेन में राजकीय सम्मान के साथ पहला अंतिम संस्कार होगा। महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष लंदन पहुंचे हैं। इतनी हस्तियों की एक साथ मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और 2,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।
अंतिम संस्कार में शामिल होंगे कई देशों के नेता
महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में कुल 2,000 मेहमान शामिल होंगे। इनमें विभिन्न देशों के लगभग 500 प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेशी प्रतिनिधि भी शामिल हैं। राष्ट्राध्यक्षों की बात करें तो भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ-साथ न्यूजीलैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री और फ्रांस, ब्राजील, श्रीलंका, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और तुर्की आदि देशों के राष्ट्रपति कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा ब्रिटेन का शाही परिवार और तमाम बड़े ब्रिटिश नेता भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहेंगे।
महारानी विक्टोरिया के गन कैरिज पर लाया जाएगा महारानी एलिजाबेथ का ताबूत
महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को उसी गन कैरिज पर अंतिम संस्कार के लिए लाया जाएगा, जिस पर उनकी पर-परदादी महारानी विक्टोरिया का ताबूत लाया गया था। पूरे रास्ते में शाही नौसेना और शाही मरीन मौजूद रहेंगे और महारानी की अंतिम यात्रा संसद चौक से होकर गुजरेगी जहां नौसेना, सेना और वायुसेना उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देंगे। यात्रा की अगुवाई स्कॉटिश और आयरिश रेजिमेंट,गोरखा बिग्रेड, वायुसेना और लगभग 200 संगीतकार करेंगे, वहीं ताबूत के बाद किंग चार्ल्स और शाही परिवार होगा।
पूरे ब्रिटेन में होगा अंतिम यात्रा का प्रसारण
महारानी एलिजाबेथ की अंतिम यात्रा का ब्रिटेन के लगभग 125 सिनेमा थिएटरों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा पार्क, चौक और गिरिजाघर आदि जगहों पर भी स्क्रीन लगाई जाएंगी ताकि आम लोग अंतिम संस्कार देख सकें। अंतिम यात्रा के प्रसारण के बाद महारानी के ताबूत को विंडसर किले में ट्रांसफर किया जाएगा जहां अंतिम प्रार्थना के बाद केवल शाही परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में महारानी को उनके पति प्रिंस फिलिप के बगल में दफनाया जाएगा।
8 सितंबर को हुआ था महारानी एलिजाबेथ का निधन
8 सितंबर को 96 साल की उम्र में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ का निधन हो गया था। वो पिछले कई महीनों से बीमार थीं और उन्होंने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल महल में अंतिम सांस ली। इससे पहले उनकी हालत को देखते हुए उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य पर डॉक्टरों ने भी चिंता जताई थी। एलिजाबेथ 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और उन्होंने सबसे अधिक 70 साल तक ब्रिटेन की राजशाही सत्ता को संभाला।
महारानी के निधन के बाद महाराजा बने किंग चार्ल्स
महारानी के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स (अब किंग चार्ल्स) ब्रिटेन के नए महाराजा बन गए हैं। वो ब्रिटेन की शाही गद्दी पर बैठने वाले सबसे बुजुर्ग राजा होंगे। किंग चार्ल्स के नाम सबसे अधिक समय तक उत्तराधिकारी रहने का रिकॉर्ड भी है।