ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय की संपत्ति अरबों में, जानें कितने के हैं मालिक
ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे किंग चार्ल्स तृतीय के पास राजगद्दी चली गई है और आगामी 6 मई को उनके राज्याभिषेक की तैयारी हो रही है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें इस बात का जिक्र है कि किंग चार्ल्स ताज के साथ-साथ शाही संपत्ति और उनके पूर्ववर्तियों द्वारा जमा किए गए निवेश के एक बड़े हिस्से के भी हकदार होंगे। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
किंग चार्ल्स तृतीय की संपत्ति 1.815 अरब पाउंड
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, किंग चार्ल्स की संपत्ति कुल 1.815 अरब पाउंड (लगभग 185 अरब रुपये) आंकी गई है। यह आंकड़ा संडे टाइम्स की हालिया गणना से 3 गुना ज्यादा है, जिसमें उनकी कई सबसे मूल्यवान संपत्ति शामिल नहीं थी। तथ्य यह है कि पिछले साल सितंबर में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद उन्हें 36 करोड़ पाउंड दिए गए थे और इससे उनकी संपत्ति 60 करोड़ पाउंड हो गई थी।
एलिजाबेथ द्वितीय के महारानी बनने पर किंग चार्ल्स को मिली थी आय
जब साल 1952 में एलिजाबेथ द्वितीय महारानी बनीं थी तो किंग चार्ल्स तृतीय को डची ऑफ कॉर्नवाल से आय प्राप्त हुई, जिसे 14वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। यह कम उम्र में राजगद्दी के कानूनी उत्तराधिकारी को वित्तीय सहायता देने के लिए किया गया था। बता दें कि रानी की कुल संपत्ति में गहने, कला, खेत, घोड़े, टिकटें, बाल्मोरल कैसल और सैंड्रिंघम एस्टेट सहित कई संपत्तियां शामिल थीं।
डची ऑफ कॉर्नवाल में 1.30 लाख एकड़ खेत और 34.5 पाउंड की संपत्ति शामिल
किंग चार्ल्स ने एक इंटरव्यू में कहा था, "डची में वह सब कुछ शामिल है, जो एक राजा को मिलना चाहिए।" इसमें लगभग 260 खेत हैं, जो 1.30 लाख एकड़ भूमि में फैले हुए हैं। इसके साथ ही इसमें 34.5 करोड़ पाउंड की संपत्तियां शामिल हैं। इसकी कुल कीमत एक अरब पाउंड के बराबर है और यह हर साल 23 मिलियन पाउंड की आय उत्पन्न करता है।
शाही परिवार के सदस्यों की होती है अपनी आय
शाही परिवार में सबके अपने कुछ काम हैं और किंग चार्ल्स तृतीय भी शाही परिवार के कामकाजी सदस्य हैं और इससे भी उनकी संपत्ति में इजाफा होता है। आय से हमारा मतलब निजी संपत्तियों और वंशानुगत राज्यों के रूप में उपहारों से है, जो उन्हें हर साल एक अरब पाउंड से अधिक मिलते हैं। साल 1996 में राजकुमारी डायना से तलाक के बाद राजा ने अपने खजाने के निर्माण के लिए एक निवेश कार्यक्रम की स्थापना भी की थी।