अमेरिका ने बोइंग 737 विमानों का उत्पादन बढ़ाने पर रोक लगाई, भारतीय एयरलाइंस पर पडे़गा असर
अमेरिका के एक फैसले ने भारतीय एयरलाइंस की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल, अमेरिका के विमानन नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बोइंग के 737 मैक्स विमान के उत्पादन में वृद्धि और विनिर्माण पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे कई भारतीय एयरलाइंस के परिचालन पर असर पड़ सकता है क्योंकि एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर ने सैकड़ों 737 मैक्स विमानों का ऑर्डर दे रखा है।
क्या है FAA का आदेश?
FAA ने एक बयान में कहा, "हम उत्पादन में विस्तार के लिए बोइंग के किसी भी अनुरोध पर सहमत नहीं होंगे और 737 विमानों के लिए अतिरिक्त उत्पादन लाइनों को मंजूरी नहीं देंगे। हम प्रक्रिया के दौरान सामने आए गुणवत्ता नियंत्रण मुद्दों का समाधान होने तक ऐसा नहीं करेंगे।" FAA के निर्देश में MAX 9 विमानों के उड़ान भरने पर भी आंशिक तौर पर रोक लगा दी गई है। इन विमानों का निरीक्षण किया जा रहा है।
FAA ने क्यों लिया ये फैसला?
इसी महीने पोर्टलैंड से ओंटारियो जा रहे बोइंग 737-9 मैक्स विमान की खिड़की बीच हवा में टूट गई थी, जिसके बाद विमान की आपातकालीन लैंडिंग करवानी पड़ी थी। जब ये हादसा हुआ, उस वक्त विमान 16,325 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन इसके बाद इससे बोइंग विमानों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे। बाद में अस्थायी तौर पर विमानों का परिचालन बंद कर दिया गया था।
फैसले का भारतीय एयरलाइंस पर क्या असर पड़ेगा?
पिछले साल एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 181 बोइंग 737 मैक्स विमानों को खरीदने का ऑर्डर दिया था। इसके अलावा अकासा एयर और स्पाइसजेट ने भी क्रमश: 204 और 142 मैक्स विमानों को खरीदने का सौदा बोइंग के साथ किया है। FAA के फैसले से इन विमानों के उत्पादन पर असर पड़ेगा, जिसका खामियाजा भारतीय एयरलाइंस को उठाना पड़ेगा। बोइंग ने 2025 तक हर महीने 57 मैक्स विमानों के उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जिसे पाना अब मुश्किल दिख रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
बोइंग एक अमेरिकी कंपनी है, जो हवाई जहाज, रॉकेट, उपग्रह, दूरसंचार उपकरण और मिसाइल बनाती है। इसकी स्थापना 15 जुलाई, 1916 को विलियम बोइंग ने की थी। कई देश कंपनी के बनाए विमानों का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल बोइंग दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रक्षा सौदे करने वाली और अमेरिका की सबसे बड़े निर्यातक कंपनी है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनियाभर में 1,300 से अधिक 737 मैक्स विमान उपयोग में हैं।