अमेरिका का हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर फिर हमला, यमन की राजधानी सना पर दागी मिसाइल
क्या है खबर?
अमेरिकी सेना ने एक बार फिर यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। राजधानी सना पर हुए इस हमले का लक्ष्य हूतियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे राडार थे। हमले में हुए नुकसान की अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
लाल सागर में स्थित अमेरिका के एक युद्धपोत से ये हमले किए गए। दूसरी ओर, हमले के बाद हूतियों ने कहा है कि अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी होगी।
हमला
कब और कैसे हुआ हमला?
अमेरिकी सेना के मुताबिक, ये हमला आज (13 जनवरी) स्थानीय समयानुसार सुबह 03:45 बजे किया गया।
सेना ने कहा कि ये 12 जनवरी को किए गए हमलों से जुड़े एक विशिष्ट सैन्य लक्ष्य पर एक 'फॉलो-ऑन कार्रवाई' थी और इसे जहाजों पर हमला करने की हूती विद्रोहियों की क्षमता को कम करने के लिए किया गया था।
हमले के लिए टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें लाल सागर में तैनात युद्धपोत US कार्नी से दागा गया।
60
विद्रोहियों के 60 ठिकानों को बनाया गया निशाना
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, "हमलों ने हूतियों की मिसाइलों या ड्रोनों को संग्रहीत करने, लॉन्च करने और निर्देशित करने की क्षमता को निशाना बनाया है, जिसका उपयोग समूह ने हाल के महीनों में जहाजों को निशाना बनाने के लिए किया है। अमेरिकी-ब्रिटिश हमले ने हूती विद्रोहियों की नए हमले शुरू करने की क्षमता को कम कर दिया है। यमन में 28 स्थानों पर 60 लक्ष्यों को निशाना बनाया गया है।"
बाइडन
बाइडन ने दी थी हूतियों को चेतावनी
शुक्रवार (12 जनवरी) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हूती विद्रोहियों को चेतावनी दी थी।
उन्होंने कहा था, "अगर वे (हूती) दुनिया के सबसे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक में व्यापारी और सैन्य जहाजों पर अपने हमलों को नहीं रोकते हैं तो हम और अधिक हमलों का आदेश दे सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर हूती इस अपमानजनक व्यवहार को जारी रखते हैं तो हम उन्हें जवाब देंगे।"
बयान
हूती बोले- जवाबी कार्रवाई होगी
अमेरिका के हमलों के बाद हूती विद्रोहियों ने भी जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
हूती सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याहया सारी ने कहा है कि अमेरिका को इन हमलों की सजा मिलेगी।
इससे पहले हूतियों ने कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन के हमले बिना 'दंड या प्रतिशोध' के नहीं होंगे। हूतियों का कहना है कि वे अभी भी लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना जारी रखेंगे।
देश
यमन में हमलों को लेकर क्या है देशों की प्रतिक्रिया?
ईरान ने कहा कि ये हमले यमन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं।
सऊदी अरब ने भी दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका-ब्रिटेन लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN), जॉर्डन, हिज्बुल्लाह और हमास समेत कई देशों ने हमलों की निंदा की है।
मनोबल
हमलों से बढ़ सकता है हूतियों का मनोबल
विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों से हूतियों को फायदा हो सकता है, क्योंकि महाशक्ति अमेरिका एक ऐसे समूह से मुकाबला कर रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं है।
यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के पूर्व विजिटिंग फेलो रायमन अल-हमदानी ने अल जजीरा से कहा, "यमन और मध्य पूर्व में मौजूद समस्याओं के लिए हमेशा अमेरिका और इजरायल को दोषी ठहराने की बयानबाजी को देखते हुए, मुझे लगता है कि वे काफी खुश होंगे।"