जल्द प्रधानमंत्री मोदी के पास होगा ट्रम्प जितना सुरक्षित विमान, 'एयरफोर्स वन' हो सकता है नाम
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही दो नए विमान मिलने वाले हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विमान जितने सुरक्षित होंगे।
अमेरिका के डलास में इन विमानों को निर्माण किया जा रहा है और अगले साल जून तक ये भारत आ सकते हैं।
इन विमानों में मिसाइल रक्षा प्रणाली भी होगी जो इसे किसी भी मिसाइल के हमले से बचाएगी।
इन्हें भारतीय वायुसेना के अंतर्गत रखा जा सकता है और ऐसा होने पर इनका नाम 'एयरफोर्स वन' रखा जाएगा।
विशेषताएं
विमान में होंगी ये विशेषताएं
विमान निर्माता कंपनी बोइंग के डलास में इन दोनो बोइंग 777-300ER विमानों का निर्माण किया जा रहा है।
इनमें मिसाइल रक्षा प्रणाली लगाई जा रही है जो इन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बोइंग 747-200B जितना सुरक्षित बना देगी।
इसमें विशेष सुरक्षा कवच भी होगा, जिसमें दुश्मन के रडार को जाम करने, इंफ्रारेड से चलने वाली मिसाइलों का रास्त बदलने और मध्यम दूरी की मिसाइलों की चेतावनी देने की क्षमता होगी।
प्रस्ताव
वायुसेना के हवाले किए जा सकते हैं दोनों विमान
इसी मिसाइल रक्षा प्रणाली के कारण इन विमानों को एयर इंडिया की बजाय वायुसेना के अंतर्गत रखने पर विचार चल रहा है।
साउथ ब्लॉक के दो अधिकारियों ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों विमानों को वायुसेना के अंतर्गत रखने के प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।
एक अधिकारी के अनुसार, अभी तक इस मुद्दे पर ठोस फैसला नहीं लिया गया है कि इन बोइंग 777 विमानों को किसके अंतर्गत रखा जाएगा।
जानकारी
ऐसा हुआ तो प्रधानमंत्री मोदी के विमान का नाम होगा 'एयरफोर्स वन'
दूसरे अधिकारी के अनुसार, अगर इन विमानों को वायुसेना को सौंपा जाता है तो प्रधानमंत्री के विमान का नाम भी बदल सकता है और इसे 'एयरफोर्स वन' कहा जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान को भी 'एयरफोर्स वन' कहा जाता है।
विशेष विमान
केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए होंगे विमान
ये दोनों विमान विशेष तौर पर केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं के लिए होंगे।
अभी ये तीनों विदेश यात्राओं के लिए सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया के बोइंग विमानों का प्रयोग करते हैं, जिनका नाम 'एयर इंडिया वन' होता है।
वहीं कम दूरी के दौरों के लिए वायुसेना के VVIP बेड़े के विमानों को उपयोग किया जाता है।
एयर इंडिया के विमानों को अन्य कार्यों में भी उपयोग में लाया जाता है।
बोइंग विमान सौदा
2005 के सौदे का हिस्सा हैं दोनों विमान
2005 में एयर इंडिया ने बोइंग से 68 विमान खरीदने का सौदा किया था और ये दोनों विमान उसी सौदे का हिस्सा हैं।
इन दोनों विमानों में मिसाइल रक्षा प्रणाली लगवाने में कुल 1,400 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
अगर सरकार इन विमानों को एयरफोर्स के हवाले करती है तो उसे एयर इंडिया को इनकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
गौरतलब है कि CAG ने अपनी रिपोर्ट में इस सौदे को एयर इंडिया पर आर्थिक बोझ बढ़ने का कारण बताया था।