अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदना शुरू किया, यूक्रेन युद्ध के बाद लगाया था प्रतिबंध
रूस से कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका अब खुद ही पलट गया है और प्रतिबंध के बावजूद उसने रूस से कच्चा तेल खरीदा है। स्पुतनिक ग्लोब की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने बीते साल अक्टूबर और नवंबर में रूस से कच्चा तेल खरीदा था। यूक्रेन युद्ध के कारण लगे प्रतिबंध के बाद बीते करीब 17 महीनों में ये पहली बार है, जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदा है।
अमेरिका ने खरीदा 35 लाख डॉलर का तेल
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (EIA) के मुताबिक, अमेरिका ने रूस से अक्टूबर में 36,800 बैरल और नवंबर में 9,900 बैरल तेल आयात किया है। डॉलर में इसकी कीमत क्रमश: 27 लाख और 7.49 लाख है। इस आयात के लिए अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अंतर्गत आने वाले विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने खास लाइसेंस जारी किए थे। अमेरिका ने ये तेल 60 डॉलर प्रति बैरल की तय कीमत से ज्यादा कीमत पर खरीदा था।
अमेरिका ने रूस से क्यों खरीदा तेल?
रूसी तेल का आयात फिर से शुरू करने के पीछे अमेरिका ने कोई वजह नहीं बताई है। हालांकि, विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसका संबंध वैश्विक ऊर्जा संकट, चीन के साथ तनाव और यूक्रेन युद्ध को सुलझाने के राजनयिक प्रयासों से जुड़ा हो सकता है।
मार्च, 2022 में अमेरिका ने लगाया था रूसी तेल पर प्रतिबंध
रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद मार्च, 2022 में अमेरिका ने रूस से तेल और ऊर्जा संसाधनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध का उद्देश्य रूस को आर्थिक नुकसान पहुंचाना था क्योंकि रूस की आय में तेल आयात का बड़ा हिस्सा है। पश्चिमी देशों ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर 60 डॉलर प्रति बैरल की प्राइस कैप (सीमा) लगा दी थी। अमेरिका ने आखिरी बार अप्रैल, 2022 में रूस से तेल खरीदा था।
प्रतिबंध की सफलता पर संदेह
आलोचक अमेरिका के प्रतिबंधों की सफलता पर संदेह जताते रहे हैं क्योंकि प्रतिबंधों के बावजूद रूस को कोई बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है। दूसरी ओर अमेरिका दुनिया में तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका सीधे रूस से तेल न खरीदकर दूसरे देशों के जरिए खरीद रहा है। इससे तेल की कीमत बढ़ रही है। भारत में रूसी तेल के आयात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
रूस तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक
रूस अमेरिका और सऊदी अरब के बाद दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वह रोजाना करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात करता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है। दुनियाभर के करीब 48 देश रूस से कच्चा तेल खरीदते हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।