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वागनर समूह ने व्लादिमीर पुतिन के साथ समझौता किया, येवगेनी प्रिगोजिन को छोड़ना होगा रूस
समझौते के बाद वागनर के सैनिक मॉस्को की ओर कूच नहीं कर रहे हैं

वागनर समूह ने व्लादिमीर पुतिन के साथ समझौता किया, येवगेनी प्रिगोजिन को छोड़ना होगा रूस

लेखन आबिद खान
Jun 25, 2023
10:22 am

क्या है खबर?

रूस में बगावत पर उतर आए वागनर समूह के लड़ाकों ने अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ समझौता कर लिया है। इसके बाद सैनिक अब मॉस्को की ओर कूच नहीं कर रहे हैं और उन्होंने वास्तोव शहर भी खाली कर दिया है। बता दें कि ये समझौता बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सेंडर लुकाशेंको ने कराया है। समझौते के मुताबिक, अब वागनर समूह के मुखिया येवगिनी प्रिगोजिन को रूस छोड़ना होगा। आइये पूरी खबर जान लेते हैं।

बातें

ये हैं समझौते की अहम बातें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते में प्रिगोजिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सैन्य स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव को हटाने की मांग की है। समझौते के तहत, वागनर समूह के सैनिकों के खिलाफ सभी आपराधिक मामले हटाए जाएंगे। जिन सैनिकों ने बगावत कर शहरों पर कब्जा किया, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। प्रिगोजिन को रूस छोड़कर पड़ोसी देश बेलारूस जाना होगा।

मॉस्को

वागनर सैनिकों ने मॉस्को कूच रोका

समझौते के बाद वागनर सैनिकों ने मॉस्को की ओर कूच रोक दिया है और अपने कैंप की ओर लौट रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सैनिक दोबारा यूक्रेन मोर्चे पर तैनाती के लिए जा रहे हैं। इससे पहले सैनिकों ने जब कूच शुरू किया था, तो वे मॉस्को से करीब 200 किलोमीटर ही दूर थे। उन्हें रोकने के लिए रूसी सेना ने भी किलाबंदी कर दी थी।

ट्विटर पोस्ट

रोस्तोव शहर छोड़कर जाते वागनर सैनिक

वजह

दोनों पक्ष बोले- खूनखराबा रोकने के लिए समझौता

एक बयान में येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा, "खूनखराबा रोकने के लिए हम अपने काफिले को वापस लौटा रहे हैं। हम मॉस्को नहीं जा रहे हैं। वैगनर वापस कैंप की ओर जाएंगे।" क्रेमलिन के प्रवक्ता देमित्री पेसकोव ने कहा, "चूंकि पुतिन अप्रत्याशिय परिणामों के साथ खूनखराबे और आंतरिक टकराव से बचना चाहते थे, इसलिए तनाव कम करने के लिए समझौते पर राजी हो गए हैं। वैगनर के मुखिया अब पड़ोसी देश बेलारूस चले जाएंगे।"

हमला

वागनर सैनिकों का दावा- 3 हेलिकॉप्टर गिराए

कल हुए नाटकीय घटनाक्रम में वागनर सैनिकों ने वास्तोव और वोरोनिश में सैन्य मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया था। सैनिकों ने रोस्तोव में एंटी-टैंक माइन तैनात कर दी थी और वे लिपेत्स्क क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे। हालांकि, कहीं पर भी वागनर सैनिक और रूसी सैनिकों के बीच सीधी झड़प की खबरें नहीं आई। वागनर ने दावा किया है कि उन्होंने रूसी सेना के 3 हेलिकॉप्टर मार गिराए हैं।

समूह

क्या है वागनर समूह?

वागनर समूह एक तरह की निजी सेना है, जो रूस की राष्ट्रीय सेना की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद करती रही है। कहा जाता है कि पहली बार इसका नाम साल 2014 में सामने आया था। इसकी स्थापना दिमित्री उत्कीन ने की थी, जो 20 साल तक रूसी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उत्कीन को वागनर नाम से भी बुलाया जाता था, इसीलिए इस समूह का नाम भी वागनर पड़ गया।