
यूक्रेनी इलाकों पर कब्जा: रूस के खिलाफ आए निंदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत
क्या है खबर?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ आए एक और प्रस्ताव पर भारत मतदान से दूर रहा है। भारत ने तुरंत हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया है।
दरअसल, UNSC में रूस के खिलाफ यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्जे और वहां 'अवैध जनमत संग्रह' कराने को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश हुआ था। हालांकि, रूस ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए इसे पारित होने से रोक दिया।
पृष्ठभूमि
रूस के किस फैसले के खिलाफ आया निंदा प्रस्ताव?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसोन और जेपोरिज्जिया इलाकों को रूस में शामिल करने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिये हैं।
अगले कुछ दिनों में इन्हें रूस में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पुतिन ने कहा कि इन क्षेत्रों के लोग हमेशा रूस के नागरिक रहेंगे।
हालांकि, जिस जनमत संग्रह के बाद रूस ने यह फैसला किया है, उसे संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने अवैध बताया है।
UNSC
अमेरिका और अल्बेनिया ने पेश किया प्रस्ताव
15 सदस्यों वाली UNSC में अमेरिका और अल्बेनिया ने रूस के इस कदम के लिए उसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया था।
भारत, चीन, गैबोन और ब्राजील ने इस पर मतदान नहीं किया, जबकि रूस ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए इसे पारित होने से रोक लिया।
मतदान ने दूर होते हुए भारत ने कहा कि वह हमेशा से इस बात का पक्षधर रहा है कि इंसानी जान की कीमत पर कभी भी किसी समाधान पर नहीं पहुंचा जा सकता।
बयान
भारत ने कही यह बात
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भले ही यह अभी कितना भी मुश्किल दिख रहा हो, लेकिन बातचीत के जरिये ही विवादों को सुलझाया जा सकता है। संबंधित पक्षों से तुरंत हिंसा और शत्रुता समाप्त करने का आग्रह किया जाता है।
उन्होंने कहा कि शांति के रास्ते के लिए कूटनीति के सभी माध्यम खुले रखने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत में यह बात दोहराई है।
जानकारी
केवल एक बार रूस के खिलाफ गया है भारत
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से युद्ध चल रहा है और इस बीच संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ कई प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें से केवल एक मौके पर भारत ने रूस के खिलाफ मतदान किया है।
अगस्त में भारत का यह रूख एक प्रक्रियात्मक मतदान के दौरान देखने को मिला। इस मतदान से यह तय होना था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधन की इजाजत दी जाए या नहीं।
प्रतिक्रिया
यूक्रेन ने रूस के कदम पर क्या प्रतिक्रिया दी?
पुतिन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश जल्द से जल्द NATO की सदस्यता के लिए आग्रह कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पहले ही इसके मानकों पर खरा उतर चुका है। अब NATO की सदस्यता तेजी से लेने के लिए याचिका पर हस्ताक्षर कर अहम कदम उठाया जा रहा है।
वहीं NATO ने कहा है कि गठबंधन के सभी सदस्य इस पर फैसला लेंगे।
प्रतिक्रिया
अमेरिका ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के नए कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों को उल्लंघन कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर को कुचल रहा है। ऐसे कामों की कोई वैधता नहीं है और अमेरिका हमेशा यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान करेगा।
उन्होने कहा कि अमेरिका इन इलाकों को वापस लेने की यूक्रेन की कोशिशों का समर्थन करेगा और इसके लिए उसकी कूटनीतिक और सैन्य रूस से मदद की जाएगी।