कोरोना वैक्सीन: एक अरब खुराकें लगाने के नजदीक पहुंचा चीन
चीन जल्द ही अपनी एक अरब आबादी को कोरोना वायरस वैक्सीन लगा चुका होगा। वैक्सीनेशन अभियान का इतना बड़ा दायरा और यह रफ्तार दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं दिख रही है। यहां अब तक 94.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराकें लग चुकी हैं, जो पूरी दुनिया में लगाई गईं खुराकों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है। याद दिला दें कि चीन से ही कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत हुई थी।
ऐसे रफ्तार पकड़ता गया वैक्सीनेशन अभियान
चीन में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इसकी शुरुआत बेहद धीमी रही थी। 27 मार्च तक यहां महज 10 लाख लोगों को खुराकें दी गई थी। इसके बाद वैक्सीनेशन लगातार तेज होता गया और पिछले महीने करीब 50 करोड़ लोगों को खुराकें लगाई गईं। मंगलवार को यहां दो करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी। इस रफ्तार से चीन के लिए एक अरब का आंकड़ा दूर नही हैं।
वैक्सीन लगाने के योग्य सभी लोगों को लगाई जा रहीं खुराकें
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कोरोना महामारी पर नियंत्रण और दूसरी वजहों के लिए चलते लोग वैक्सीनेशन से दूर रहे थे, लेकिन बाद में कुछ जगहों पर संक्रमण के मामले सामने आने के बाद लोग बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आने लगे। 140 करोड़ की आबादी वाले चीन में 'ऑल आउट अभियान' चल रहा है, जिसमें वैक्सीन लगवाने के लायक सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
वैक्सीनेशन के लिए लोगों को किया जा रहा प्रोत्साहित
बड़े शहरों से लेकर गांवों तक सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए राजी कर रहे हैं। दूसरी तरफ वैक्सीनेशन केंद्र वैक्सीन लगवाने आने वाले लोगों को शॉपिंग वाउचर से लेकर आइसक्रीम तक गिफ्ट कर रहे हैं।
साथ आईं कुछ पाबंदियां भी
कई जगह लोगों पर वैक्सीन लगवाने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है। कई सोसायटी ने अपने यहां रहने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि अगर वो वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसी तरह कई शॉपिंग मॉल्स में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी कर दिया गया है। कई दूसरी जगहों पर वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों को प्रवेश न देकर उन्हें वैक्सीनेशन केंद्रों पर भेजा जा रहा है।
देशभर में समान नहीं है वैक्सीनेशन की रफ्तार
चीन इस बात की जानकारी नहीं दे रहा है कि उसने कितने लोगों को वैक्सीन की पहली और कितनों को दोनों खुराक लगाई है। साथ ही यहां वैक्सीनेशन को लेकर असमानता भी नजर आ रही है। जून के पहले हफ्ते तक बीजिंग और शंघाई की क्रमश: 70 प्रतिशत और 50 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर दिया गया था, लेकिन गुआंगडॉन्ग और शेनडॉन्ग प्रांत में दोनों खुराकें लगवाने वाले लोगों की संख्या 20 प्रतिशत से भी कम थी।
साल के अंत तक 80 फीसदी आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य- सलाहकार
सरकार के सलाहकार और शीर्ष महामारी विशेषज्ञ झोंग नांशेन ने कहा कि चीन इस महीने के अंत तक अपनी 40 फीसदी और साल के आखिर तक 80 फीसदी आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।
पूरी दुनिया में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
ब्लूमबर्ग वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, पूरी दुनिया में अभी तक कोरोना वायरस वैक्सीनों की 251 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। चीन के बाद सबसे ज्यादा खुराकें लगाने में यूरोपीय संघ का नाम है, जहां 31.5 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इसके बाद अमेरिका में 31.4 करोड़, भारत में 26.8 करोड़ और ब्राजील में 8.4 करोड़ खुराकें दी गई हैं। प्रतिशत के हिसाब से इजरायल अपनी 56 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर चुका है।
दुनिया में 17.74 करोड़ लोग हुए संक्रमित
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 17.74 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 38.42 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.35 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और छह लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में अब तक 2.97 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 3.83 लाख लोगों को इस वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।