वैक्सीनेशन अभियान: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास बची हैं 1.65 करोड़ खुराकें- केंद्र
केंद्र सरकार ने बताया है कि उसने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को कोरोना वायरस वैक्सीन की 24 करोड़ से अधिक खुराकें भेजी हैं और इनमें से 1.65 करोड़ खुराकें अभी तक इस्तेमाल नहीं हुई हैं। केंद्र की तरफ से जानकारी दी गई कि शनिवार सुबह तक बर्बाद हुई खुराकों समेत पूरे देश में 22,65,08,508 खुराकों की खपत हुई है और 1.65 करोड़ खुराकें अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लगाने के लिए बची हुई हैं।
वैक्सीन की कमी की बात कह रहे हैं कई राज्य
केंद्र ने बताया है कि अभी तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 24,30,09,080 खुराकें उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें केंद्र की तरफ से भेजी जाने वाली खुराकें और राज्यों की कंपनियों से सीधी खरीद शामिल है। केंद्र सरकार की तरफ से यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया गया है, जब कई राज्यों ने अपने यहां वैक्सीन की कमी की बात कही है और वैक्सीनेशन अभियान के रफ्तार न पकड़ने के पीछे इसे सबसे बड़ा कारण बताया है।
प्रधानमंत्री ने खुराकों की बर्बादी रोकने को कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी रोकने की अपील की है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन की मौजूदा उपलब्धता और इसे बढ़ाने की योजना के बारे में बताया गया। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को खुराकों की बर्बादी को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी अवगत कराया। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीनेशन अभियान से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गईं।
देश में अब तक लगाई जा चुकी हैं 22.78 लाख खुराकें
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अभी तक वैक्सीन की 22.78 लाख खुराकें लगाई जा चुकी हैं। अब तक देश में 18,19,52,338 लोगों को वैक्सीन की पहली और 4,59,07,979 लोगों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि पहली खुराक लगाने के मामले में भारत ने अमेरिका को पछाड़ दिया है। हालांकि, अधिक आबादी को वैक्सीनेट करने में भारत अभी अमेरिका से काफी पीछे है।
जून में उपलब्ध होंगी 12 करोड़ खुराकें
देश के वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल के लिए इस महीने 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी। केंद्र सरकार इस महीने राज्यों को 6.09 करोड़ खुराकें मुफ्त में मुहैया कराएगी। इन खुराकों को स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इनके अलावा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के लिए कंपनियों के पास 5.86 करोड़ खुराकें मौजूद रहेंगी। इनमें से आधी राज्यों और बाकी खुराकें निजी अस्पतालों को बेची जाएंगी।
विदेशी कंपनियों से वैक्सीन खरीदने की कोशिश में है सरकार
देश में चल रही कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार विदेशी कंपनियों से वैक्सीन आपूर्ति के लिए बात कर रही है। ऐसी खबरें हैं कि जुलाई से अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन भारत में आ सकती है। इसके लिए कंपनी और सरकार के बीच उच्च स्तरीय बातचीत चल रही है। इसके अलावा सरकार मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन आदि कंपनियों के भी संपर्क में है। हाल ही में सरकार ने विदेशी वैक्सीनों के लिए नियम आसान किए थे।