
मध्य प्रदेश: आदिवासियों का वैक्सीन लगवाने से इनकार, सरकार ने समुदाय के नेताओं से मांगी मदद
क्या है खबर?
देश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कई राज्यों में वैक्सीनेशन को लेकर अफवाहों के कारण लोगों में जबरदस्त डर का माहौल बना हुआ और उन्होंने वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया।
ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक आदिवासी बाहुल्य जिलों में।
ऐसे में अब सरकार को आदिवासियों को वैक्सीन लगाने के लिए समुदाय के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मदद लेनी पड़ रही है।
क्षेत्र
इन जिलों में आदिवासियों ने बनाई वैक्सीनेशन से दूरी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मध्य प्रदेश के डिंडोरी, मंडला, बैतूल, उमरिया अलीराजपुर और श्योपुर सहित अन्य आदिवासी बाहुल्य आबादी वाले जिलों में आदिवासियों ने वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है।
सबसे बुरी हालत अलीराजपुर जिले की है। यहां अब तक महज 11 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन की खुराक लगाई जा सकी है।
इसके बाद मंडला जिले में 12 प्रतिशत तथा डिंडोरी और उमरिया महज 14 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई है।
कारण
इम्यूनिटी होने के विश्वास के कारण वैक्सीन नहीं लगवा रहे आदिवासी
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो इन जिलों के आदिवासियों को खुद में प्राकृतिक रूप से सभी बीमारियों के लिए इम्यूनिटी होने का विश्वास है। ऐसे में वह वैक्सीन लगवाकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
आदिवासियों के कहना है कि उनके शरीर पर बनाए जाने वाले टैटू से इम्यूनिटी बढ़ती है। इसी तरह ताबीज, जड़ी-बूटियों का हार, दैवीय पूजा, औषधीय जड़ी-बूटी और महुआ शराब का सेवन उन्हें बीमारी से बचाता है।
जानकारी
आदिवासियों ने बना हुआ वैक्सीन लगवाने से मौत होने का भय
चिकित्सा अधिकारियों की माने तो आदिवासियों में भय है कि यदि वह वैक्सीन लगवाएंगे तो उनकी मौत हो जाएगी। इसी तरह इन लोगों को सरकार पर भी भरोसा नहीं है। ऐसे में आदिवासियों ने सामूहिक रूप से वैक्सीन नहीं लगवाने का निर्णय किया है।
बयान
"टैटू के कारण है शरीर में है मजबूत इम्यूनिटी"
डिंडोरी के पंथगांव बंजारा टोला गांव निवासी रति बैगा (58) ने कहा, "हमारे शरीर पर बनाए जाने वाले टैटू से हमारी इम्यूनिटी बेहद मजबूत है। हमे वैक्सीन की जरूरत नहीं है।" बैगा जनजाति में टैटू की पुरानी परंपरा है।
इसी तरह डिंडोरी के बैगा चाक निवासी थावी सिंह ने कहा, "हम सभी बीमारियों के खिलाफ मजबूत इम्यूनिटी के साथ पैदा हुए हैं। हमें सरकार पर भरोसा नहीं है जो हमें मरवाना चाहती है क्योंकि हम उनके काम के नहीं हैं।"
तर्क
आदिवासियों ने वैक्सीन नहीं लगवाने के पीछे दिए कई अन्य तर्क
डिंडोरी जिले के नरेला गांव निवासी भेरू सिंह भील ने कहा, "हम औषधीय जड़ी बूटियों का सेवन करते हैं। हमारे गांव में एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया है तो हम कोई रिस्क क्यों लें? हम बिल्कुल सुरक्षित हैं।"
बैतूल के गुरदिया गांव निवासी कड़क सिंह कोरकू ने कहा, "हम महुआ शराब बनाते हैं और इससे निकलने वाली भाप गांव को साफ करती है। हमें कोरोना का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि हमारे पास मजबूत इम्यूनिटी है।"
जानकारी
बैतूल के 47 आदिवासी गांवों में अभी तक नहीं लगी एक भी वैक्सीन
बैतूल जिले के 47 गांवों में आदिवासी रहते हैं। इन गांवों में अभी तक किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई है।लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए आने वाली टीम को कई बार भगा दिया है। इससे वैक्सीनेशन कार्य प्रभावित हो रहा है।
बयान
पारंपरिक प्रथाओं और अफवाहों के कारण वैक्सीन नहीं लगवा रहे आदिवासी- जिला कलक्टर
डिंडोरी जिला कलक्टर रत्नाकर झा ने कहा, "आदिवासी अपनी पारंपरिक प्रथाओं और अफवाहों के कारण वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं हैं। पिछले तीन महीने से हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब हम उन लोगों का समर्थन ले रहे हैं जिन पर वो भरोसा करते हैं।"
अलीराजपुर जिला कलक्टर सुरभि गुप्ता ने कहा, "कुछ असामाजिक तत्वों ने अफवाहें फैलाई कि सरकार आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही है और वह वैक्सीनेशन के बाद मर जाएंगे।"
प्रयास
आदिवासी समुदाय के नेताओं की ली जा रही है मदद- गुप्ता
जिला कलक्टर गुप्ता ने कहा, "कई बार समझाने के बाद भी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अब समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। वही उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार कर सकते हैं।"
डिंडोरी के आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता नरेश विश्वास ने कहा, "जिला प्रशासन ने हमें उन्हें समझाने के लिए कहा और हम उसके लिए चौपाल लगा रहे हैं। लोगों में डर है और उन्हें समझाने में समय लगेगा।"
परेशानी
आदिवासियों को समझाना है बहुत मुश्किल- चौरसिया
आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता डॉ विजय चौरसिया ने कहा, "प्रशासन ने हमसे संपर्क किया है, लेकिन उन्हें मनाना मुश्किल है। खासकर 45+ आयु वर्ग के लोगों के लिए, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई इंजेक्शन नहीं लिया है। हम पहले युवाओं को समझा रहे हैं।"
इसी तरह कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार को पहले आदिवासियों का विश्वास जीतना चाहिए। इसके लिए सरकार को उन्हें घर, राशन सहित अन्य समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
बयान
जुलाई तक आदिवासियों को लगा दी जाएगी वैक्सीन- मंत्री
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, "अधिकारी और स्थानीय लोग आदिवासियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं और हमें यकीन है कि जुलाई तक सबको वैक्सीन लगा दी जाएगी। मैंने अधिकारियों को गांवों में शिविर लगाने को कहा है।"
संक्रमण
मध्य प्रदेश में यह है कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की स्थिति
मध्य प्रदेश में रविवार को सामने आए 274 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 7,88,183 पर पहुंच गई है। इनमें से 8,552 की मौत हो चुकी है और वर्तमान में 4,251 ही सक्रिय मामले हैं।
इसी तरह राज्य में अब तक 1,39,29,901 वैक्सीन की खुराक लगाई जा चुकी है। रविवार को कुल 44,578 खुराक लगाई गई थी।
राज्य में अब तक 1,19,79,616 लोगों को पहली और 19,50,285 लोगों को दोनों खुराक लगाई जा चुकी है।