
केंद्र सरकार ने किया वैक्सीन नीति का बचाव, कहां- वितरण में असमानता की खबरें निराधार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने अपनी उदार वैक्सीन नीति का बचाव करते हुए वितरण में असमानता वाली खबरों को निराधार बताया है। सरकार ने कहा कि 1 मई से लागू हुई इस नीति के चलते सरकारी वैक्सीनेशन केंद्रों पर दबाव कम हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट कर वैक्सीन के बंटवारे में असमानता की खबरों निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मई में पारदर्शी तरीके से निजी अस्पतालों को वैक्सीन की 1.2 करोड़ खुराकें दी गई थी।
जानकारी
क्या है सरकार की नई नीति?
1 मई से लागू हुई नई वैक्सीन नीति के तहत केंद्र राज्यों को 45 साल से अधिक लोगों के लिए वैक्सीन प्रदान कर रहा है, वहीं 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी राज्यों पर डाली गई है।
वैक्सीन बना रही भारतीय कंपनियों से भी 50 प्रतिशत खुराकें केंद्र खरीद रहा है, वहीं 25-25 प्रतिशत खुराकें राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए आरक्षित की गई हैं। इन्हें केंद्र से अधिक कीमत पर खुराकें मिल रही हैं।
बयान
सरकार ने बचाव में क्या कहा है?
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नई वैक्सीन नीति के तहत निजी क्षेत्र को 25 प्रतिशत खुराकें मिल रही है। इस प्रक्रिया से सरकारी वैक्सीनेशन केंद्रों पर दबाव कम हो रहा है और उन लोगों के लिए वैक्सीन तक पहुंच आसान हो रही है, जो पैसे देकर निजी अस्पताल जा सकते हैं।
सरकार ने कहा कि सिर्फ बड़े अस्पताल ही खुराकें नहीं खरीद रहे हैं और छोटे शहरों के अस्पतालों तक आपूर्ति जा रही है।
बयान
छोटे शहरों के अस्पताल भी खरीद रहे वैक्सीन- सरकार
बयान में कहा गया है कि मई में निजी अस्पतालों की 1.2 करोड़ खुराकों की आपूर्ति की गई है। कई अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक से संपर्क किया है और उन्हें कोविशील्ड और कोवैक्सिन की खुराकें भेजी गई हैं। ये अस्पताल सिर्फ बड़े शहरों के नहीं हैं बल्कि अलग-अलग राज्यों के टियर-2 और टियर-3 शहरों के भी हैं।
दरअसल, इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि सिर्फ बड़े अस्पताल ही खुराकें खरीद रहे हैं।
वैक्सीनेशन
कई राज्यों ने की वैक्सीन मिलने में देरी होने की बात
वैक्सीन की कमी के बीच केंद्र सरकार ने 1 मई से 18-44 आयुवर्ग के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था। इसके लिए राज्यों को अपनी जेब से भुगतान कर वैक्सीन खरीदने को कहा गया था।
जब राज्यों ने कंपनियों से संपर्क किया तो उन्होंने आपूर्ति में देरी की बात कही। इसके चलते कई जगहों पर 18-44 साल वालों का वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा।
कई राज्यों ने मांग की है कि केंद्र को ही वैक्सीन खरीदकर इसकी आपूर्ति करनी चाहिए।
जानकारी
सुप्रीम कोर्ट भी उठा चुका वैक्सीन नीति पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 18-44 साल आयुवर्ग के लिए केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसे मनमानी और तर्कहीन बताया। वैक्सीनेशन नीति में कई खामियां गिनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी समीक्षा करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने पहले दो चरणों में मुफ्त में वैक्सीन लगाई थी, लेकिन 18-44 आयु वर्ग का राज्यों के जरिए पैसों से वैक्सीनेशन किया जा रहा है। यह नीति प्रथमदृष्टया मनमानी और अतार्किक है।
जानकारी
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 23,13,22,417 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 33,53,539 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।