NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को क्यों नहीं लगवानी चाहिए तीन महीने तक वैक्सीन?
    अगली खबर
    कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को क्यों नहीं लगवानी चाहिए तीन महीने तक वैक्सीन?

    कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को क्यों नहीं लगवानी चाहिए तीन महीने तक वैक्सीन?

    लेखन भारत शर्मा
    Jun 14, 2021
    10:51 pm

    क्या है खबर?

    कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में जहां राज्यों को वैक्सीन की कमी से जूझना पड़ रहा हैं, वहीं सरकार ने संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को तीन महीने तक वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए कहा है।

    विशेषज्ञों का तर्क है संक्रमण के उपचार से इम्यूनिटी बनती है और वह करीब तीन महीने रहती है, लेकिन कुछ लोग डर के कारण पहले ही वैक्सीन लगवा रहे हैं।

    यहां जानते हैं आखिर सरकार ने ऐसा क्यों किया है।

    कारण

    सबसे पहले जानते हैं कि सरकार ने क्यों लिया है यह निर्णय

    बता दें सरकार ने मई की शुरुआत में वैक्सीनेशन अभियान के चौथे चरण और दूसरी लहर के प्रकोप के बीच कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को तीन महीने तक वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए कहा था।

    ​इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया था कि कोरोना संक्रमण का उपचार लेने के कारण लोगों के शरीर में प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी बनती है। यह लंबे समय तक रहती है। ऐसे में पहले वैक्सीन लगवाने से यह व्यर्थ हो सकती है।

    समय

    कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कितने समय तक रहती है इम्यूनिटी?

    जब यह स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण का उपचार लेने के बाद इम्यूनिटी और एंटीबॉडी का निर्माण होता है तो सवाल यह उठता है कि यह कितने समय तक बनी रहती है।

    हालांकि, इसका अभी तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है। अब तक के अध्ययनों के आधार पर कहा जा सकता है कि संक्रमण के बाद 90-120 दिनों तक शरीर में इम्यूनिटी और एंटीबॉडी रहती है।

    ऐसे में सरकार ने तीन महीने का समय निर्धारित किया है।

    संदेह

    इम्यूनिटी के खत्म होने को लेकर बना हुआ है संदेह

    चिकित्सा विशेषज्ञों ने भले ही इम्यूनिटी और एंटीबॉडी के 90-120 दिन बने रहने की बात कही है, लेकिन उसके बाद इसके कम होने या खत्म होने पर अभी भी संदेह बना हुआ है।

    कुछ अध्ययनों में एंटीबॉडी के और मजबूत होने या इसके जीवनभर बने रहने की भी बात कही गई है।

    हालांकि, यह एंटीबॉडी की मजबूती, संक्रमण की गंभीरता, उम्र और जेंडर जैसे कारकों पर भी निर्भर करती है। ऐसे में स्पष्ट है कि इमयूनिटी तीन महीने तो रहेगी।

    सवाल

    पा्रकृतिक और वैक्सीन से तैयार इम्यूनिटी में से कौनसी है अधिक बेहतर?

    चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमण के उपचार के बाद शरीर में प्राकृतिक रूप से बनने वाली इम्यूनिटी और एंटीबॉडी वैक्सीन लगवाने के बाद हासिल की गई इम्यूनिटी और एंटीबॉडी से ज्यादा बेहतर है।

    दोनों प्रकार की इम्यूनिटी और एंटीबॉडी पर किए गए अध्ययनों में भी सामने आया है कि प्राकृतिक रूप से बनी इम्यूनिटी 99.99 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि वैक्सीन से प्राप्त इम्यूनिटी महज 90-94.5 प्रतिशत तक ही सुरक्षा देती है।

    जानकारी

    प्राकृतिक इम्यूनिटी के कमजोर होने के बाद वैक्सीन लगवाने से होगा अधिक फायदा

    चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों को सबसे पहले अपने शरीर में बनी प्राकृतिक इम्यूनिटी का लाभ उठाना चाहिए। इसके कमजोर होने या खत्म होने पर ही वैक्सीन लगवानी चाहिए। इससे संक्रमित हुए व्यक्ति को लंबे समय तक सुरक्षा मिलेगी।

    फायदा

    क्या निर्धारित समय से पहले वैक्सीन लगवाना फायदेमंद होगा?

    चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों के निर्धारित तीन महीने से पहले ही वैक्सीन लगवाना अधिक फायदेमंद साबित नहीं होगा।

    इससे उनकी प्राकृतिक इम्यूनिटी और एंटीबॉडी जल्द खत्म हो जाएगी और उन्हें वैक्सीन से तैयार इम्यूनिटी और एंटीबॉडी के भरोसे ही वायरस से लड़ना होगा।

    इसके अलावा उनके शरीर में इम्यूनिटी और एंटीबॉडी का समय भी कम हो जाएगा। ऐसे में निर्धारित समय पर ही वैक्सीन लगवाना अधिक फायदेमंद होगा।

    खतरा

    क्या वायरस के नए स्ट्रेनों से संक्रमण का खतरा अधिक है?

    विशेषज्ञों के अनुसार वायरस के नए स्ट्रेनों ने दोबारा संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है। यही कारण है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग दोबारा से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।

    हालांकि, म्यूटेशन में वायरस के अधिक खतरनाक होने और इम्यूनिटी सुरक्षा से बचने में सक्षम होने पर संदेह बना हुआ है।

    इसके बाद भी देश में दोबारा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और म्यूटेशन के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।

    संक्रमण

    भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति

    भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 70,421 नए मामले सामने आए और 3,921 मरीजों की मौत हुई।

    इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,95,10,410 हो गई है। इनमें से 3,74,305 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 9,73,158 रह गई है।

    देश में कोरोना मामलों में गिरावट देखी जा रही है और लगातार सातवें दिन दैनिक मामले एक लाख से कम रहे हैं।

    जानकारी

    भारत में वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?

    देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 25,48,49,301 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 14,99,771 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारत की खबरें
    वैक्सीन समाचार
    कोरोना वायरस
    महामारी

    ताज़ा खबरें

    डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के बाद बोले पुतिन- युद्ध विराम पर काम करने को तैयार डोनाल्ड ट्रंप
    IPL 2025: SRH ने LSG को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025
    IPL 2025: SRH से हारकर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई LSG, बने ये रिकॉर्ड्स IPL 2025
    IPL 2025: अभिषेक शर्मा ने LSG के खिलाफ जड़ा दूसरा अर्धशतक, बने 'प्लेयर ऑफ द डे' इंडियन प्रीमियर लीग

    भारत की खबरें

    यामाहा FZ 25 और FZ 25 S के दामों में लगभग 20,000 रुपये तक की कटौती ऑटोमोबाइल
    अगले हफ्ते आ रही मर्सिडीज मेबैक GLS600, इन बदलावों के साथ होगी लॉन्च ऑटोमोबाइल
    मई में कैसी रही हीरो और रॉयल एनफील्ड की बिक्री? देखें सेल्स रिपोर्ट रॉयल एनफील्ड बाइक
    प्रतिभाशाली लोगों की पद्म पुरस्कारों तक पहुंच होगी आसान, पहचान के लिए राज्यों में बनेंगी समितियां गृह मंत्रालय

    वैक्सीन समाचार

    उत्तराखंड: अप्रैल-मई में कोरोना संक्रमित हुए 2,300 से अधिक पुलिसकर्मी, अधिकतर को लगी थी वैक्सीन उत्तराखंड
    केंद्र सरकार ने बनने से पहले ही बुक की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें हैदराबाद
    स्पूतनिक-V का उत्पादन करना चाहती है सीरम इंस्टीट्यूट, मंजूरी के लिए किया आवेदन हैदराबाद
    कौनसे देश दे रहे एक व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीनों की खुराकें लगाने की अनुमति? भारत की खबरें

    कोरोना वायरस

    हालात सामान्य होने के बाद सिनेमाघरों में रिलीज होगी कार्तिक की 'भूल भुलैया 2' बॉलीवुड समाचार
    कोरोना: 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर वैक्सीन का बड़ा ट्रायल करेगी फाइजर अमेरिका
    क्या तीसरी लहर में ज्यादा प्रभावित होंगे बच्चे? जानिए विशेषज्ञों की राय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)
    कोरोना वायरस के खिलाफ 'सर्जिकल स्ट्राइक' वाला रुख अपनाए केंद्र सरकार- बॉम्बे हाई कोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट

    महामारी

    देश में कोरोना महामारी के कारण 1,700 से अधिक बच्चे अनाथ हुए- NCPCR केंद्र सरकार
    CBSE की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त, प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद लिया फैसला नरेंद्र मोदी
    कोरोना वायरस: भारत में मई में 90 लाख से अधिक लोग संक्रमित, 1.19 लाख की मौत भारत की खबरें
    लॉकडाउन में रेलवे ट्रैक पर हुई प्रवासी मजदूरों सहित 8,700 से अधिक लोगों की मौत- RTI भारतीय रेलवे
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025