अमेरिका: सिलिकॉन वैली बैंक पर ताला लगने के बाद न्यूयॉर्क का सिग्नेचर बैंक भी हुआ बंद
क्या है खबर?
अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर को एक और झटका लगा है। कैलिफोर्निया स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) पर ताला लगने के करीब 48 घंटे बाद न्यूयॉर्क के सिग्नेचर बैंक को भी बंद कर दिया गया है।
न्यूयॉर्क वित्तीय सेवा विभाग के अनुसार, संघीय जमाकर्ता बीमा निगम (FDIC) ने सिग्नेचर बैंक को अपने नियंत्रण में ले लिया है, जिसके पास पिछले साल के अंत तक 110.36 अरब डॉलर (9.03 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति थी।
गिरावट
सिग्नेचर बैंक के शेयरों में आई थी गिरावट
बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक बंद होने के बाद शनिवार को सिग्नेचर बैंक के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली थी।
सिग्नेचर बैंक के पास क्रिप्टोकरेंसी का काफी स्टॉक मौजूद था और इस जोखिम को मद्देनजर रखते हुए बैंक को कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
बैंक नियामकों के मुताबिक, बैंक बंद होने के बावजूद ग्राहकों और करदाताओं को कोई नुकसान नहीं उठाना पडेगा।
कारण
10 मार्च को बंद हुआ था सिलिकॉन वैली बैंक
अमेरिकी नियामक संस्थाओं ने 10 मार्च को सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का आदेश दिया था।
FDIC को इस बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है और बैंक की 210 अरब डॉलर (1.72 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति को बेचा जाएगा। FDIC को बैंक के ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
FDIC ने बताया था कि 13 मार्च को बैंक दोबारा खोला जाएगा, जिसमें ऑनलाइन सेवाओं समेत आधिकारिक चेक क्लियर किए जाएंगे।
बयान
बाइडन ने दी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बैंकिंग संकट पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'जो लोग भी इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बड़े बैंकों की निगरानी और रेगुलेशन को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि फिर ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।'
बाइडन ने आगे कहा कि अमेरिकी लोगों की बैंकों में जमा धनराशि सुरक्षित है और जरूरत होने पर इसे कभी भी निकाल सकते हैं।
बैठक
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुलाई आपातकालीन बैठक
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अमेरिका के बैंकों पर मंडरा रहे आर्थिक संकट को देखते हुए आज एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
बैठक में ऐसे कदमों पर चर्चा की जाएगी, जिनसे सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बंद होने का असर अमेरिका के अन्य बैंकों पर न पड़े।
वहीं FDIC भी अन्य हितधारकों के साथ मिलकर इस बैंकिंग संकट से निपटने के लिए योजना बनाने पर काम कर रहा है।
संकट
घटना ने ताजा कीं 2008 की आर्थिक मंदी की यादें
2008 में बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स की वजह से अमेरिका में आर्थिक मंदी आई थी, जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।
दरअसल, 2001 से 2006 के बीच अमेरिकी रियल एस्टेट कंपनियों को खूब लोन दिए गए। जब इस सेक्टर में मंदी आई तो ये कंपनियां लोन नहीं चुका सकी और लेहमन ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।
एक ही दिन में अमेरिकी शेयर मार्केट से 1.2 लाख करोड़ डॉलर की रकम डूब गई थी।