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ममता बनर्जी ने बंगालियों से भेदभाव को लेकर मार्च निकाला, बोलीं- बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं
ममता बनर्जी ने कोलकाता में विशाल मार्च निकाला

ममता बनर्जी ने बंगालियों से भेदभाव को लेकर मार्च निकाला, बोलीं- बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं

लेखन आबिद खान
Jul 16, 2025
07:43 pm

क्या है खबर?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर राजधानी कोलकाता में विशाल मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को बांग्लादेशी व विदेशी कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या बंगाल देश का हिस्सा नहीं है। इस मार्च में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

बयान

ममता का सवाल- क्या बंगाल भारत का हिस्सा नहीं है?

ममता ने कोलकाता की सड़कों पर बारिश के बीच करीब 3 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च निकाला। उन्होंने कहा, "मैंने तय किया है कि अब मैं और ज्यादा बंगाली में बोलूंगी। चाहो तो मुझे डिटेंशन कैंप में डाल दो। बंगालियों के प्रति भाजपा के रवैये से मैं बेहद निराश और व्यथित हूं। क्या बंगाल देश का हिस्सा नहीं है। मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप साबित करें कि बंगाली भाषी लोग रोहिंग्या हैं।"

भाजपा

रोहिंग्या म्यांमार में है, बंगाल में नहीं- ममता

ममता ने कहा, "भाजपा क्या सोचती है? वे बंगालियों को नुकसान पहुंचाएंगे? भाजपा सभी बंगाली भाषी लोगों को बांग्लादेशी रोहिंग्या कहती है। रोहिंग्या म्यांमार में हैं। पश्चिम बंगाल के सभी नागरिकों के पास पहचान पत्र हैं। जो मजदूर बंगाल से बाहर गए, वे अपनी मर्जी से नहीं गए। उन्हें, इसलिए काम मिला, क्योंकि उनके पास हुनर है। कोई भी बंगाली बोलता है उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जा रहा है। क्यों?"

भाषा

ममता ने कहा- हम हर भाषा का सम्मान करते हैं

ममता ने कहा, "जब महाराष्ट्र से हिंदी भाषियों को निकाला गया, तो हमने सबसे पहले आवाज उठाई थी। हम यहां रहने वाले विभिन्न राज्यों के सभी लोगों का सम्मान करते हैं, चाहे वे मजदूर हों, व्यापारी हों, दुकानदार हों, फेरीवाले हों या कर्मचारी हों। हम उन पर कभी हमला नहीं करेंगे, क्योंकि वे हमारा और हमारे देश का हिस्सा हैं। हम उनसे प्यार करते हैं। हम हर भाषा का सम्मान करते हैं।"

चुनाव

चुनाव को देखते हुए कितना अहम है मुद्दा?

बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। यहां भाजपा अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठी है और अवैध रोहिंग्याओं का मुद्दा उठा रही है। वहीं, ममता ने बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठाया है। ये ठीक महाराष्ट्र में मराठी भाषा से जुड़े विवाद जैसा है। महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता के मुद्दे पर शिवसेना और दूसरी पार्टियों ने भाजपा को बैकफुट पर लाने का काम किया था। ममता भी पश्चिम बंगाल में इसी रणनीति पर आगे बढ़ती दिख रही हैं।