कर्ज वसूलने में बैंकों को मिली बड़ी कामयाबी, एक साल में वसूले 40,400 करोड़ रुपये
बैंकों ने इस वित्त वर्ष में कर्ज की रिकवरी करने में बड़ी सफलता हासिल की है। RBI के मुताबिक, इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (IBC) और सिक्यॉरिटाइजेशन ऐंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशल ऐसेट्स ऐंड इंफोर्समेंट ऑफ सिक्यॉरिटी इंटरेस्ट्स (SARFAESI) कानून में संशोधन की मदद से मार्च, 2018 तक Rs. 40,400 करोड़ की रिकवरी हुई है। पिछले साल यह रकम Rs. 38,500 करोड़ थी। इस रिकवरी में IBC, SARFAESI कानून, कर्ज रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) और लोक अदालतों की मदद ली गई है।
IBC की मदद से Rs. 4,900 करोड़ की रिकवरी
बैंकों ने IBC की मदद से Rs. 4,900 करोड़ के बैड लोन और SARFAESI की मदद से Rs. 26,500 करोड़ की रकम की रिकवरी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्दी रिकवरी के लिए बैंकों के जोरदार प्रयास के अलावा SARFAESI कानून में संशोधन के जरिए संपत्ति का ब्योरा नहीं देने पर तीन महीने की जेल और 30 दिन के भीतर गिरवी संपत्ति को जब्त करने जैसे प्रावधानों से बैंकों को कर्ज रिकवरी में मदद मिली है।
सुधार प्रक्रिया जारी- RBI
लोन की रिकवरी के लिए कानूनों का सहारा लेने के अलावा बैंक अपनी बैलेंस शीट भी सुधार रहे हैं। इसके लिए बैंक डूबे हुए कर्ज आदि को असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARC), दूसरे बैंको और वित्तीय संस्थानों को बेच रहे हैं। RBI ने कहा कि मूलभूत सरंचना को मजबूत करने के लिए नेशलन कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की शाखाओं में बढ़ोतरी प्रस्तावित है, जिससे दिवालियापन की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम किया जा सके।