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कौन था अमेरिकी हमले में मारा गया अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी?
कौन था अमेरिकी हमले में मारा गया अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी?

कौन था अमेरिकी हमले में मारा गया अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी?

Aug 02, 2022
12:01 pm

क्या है खबर?

अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरस्ट्राइक कर आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है। ड्रोन के जरिये दागी गई दो मिसाइलों से उसकी मौत हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जवाहिरी की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि न्याय हो गया है और आतंकी नेता अल-जवाहिरी अब जिंदा नहीं है। उसके हाथ अमेरिकी नागरिकों की हत्या से रंगे हुए थे। आइये जानते हैं कि जवाहिरी कौन था।

जन्म

1951 में पैदा हुआ था जवाहिरी

जवाहिरी का जन्म मिस्र की राजधानी कायरो में 19 जून, 1951 को हुआ था। वह विद्वानों और डॉक्टरों के एक सम्मानित मध्यम वर्गीय परिवार से आता है। उसके दादा इस्लाम के बड़े विद्वान थे और उसके एक अंकल अरब लीग के पहले महासचिव और पिता फार्माकॉलोजी के प्रोफेसर थे। जवाहिरी स्कूली दिनों में राजनीति में आ गया और 15 साल की उम्र में एक प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने के आरोप में पकड़ा गया था।

जानकारी

आई सर्जन था जवाहिरी

राजनीतिक गतिविधियों के बावजूद जवाहिरी ने पढ़ाई पर अपना ध्यान लगाए रखा कायरो यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल से सर्जरी में मास्टर्स की डिग्री हासिल कर ली। बताया जा रहा है कि बतौर डॉक्टर 1986 में वह लादेन के संपर्क में आया।

शुरुआत

शुरुआत में चलाया था क्लीनिक

1974 में सर्जरी की पढ़ाई पूरी करने के कुछ समय बाद तक जवाहिरी ने कायरो में अपना क्लीनिक चलाया था। इसी दौरान वह मिस्र सरकार को उखाड़ फेंकने की मांग करने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों के संपर्क में आ गया। 1981 में इस संगठन के कुछ सदस्यों ने मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सदत की हत्या कर दी थी। इसके बाद संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जिसकी चपेट में जवाहिरी भी आ गया था।

जानकारी

जेल में बना हिंसक और कट्टर

अदालत में ट्रायल के दौरान जवाहिरी अपने तर्कों के कारण सुर्खियों में आ गया। ट्रायल के बाद उसे सदत की हत्या के मामले से बरी कर दिया गया, लेकिन अवैध हथियार रखने के जुर्म में तीन साल की सजा सुनाई गई। बताया जाता है कि जेल में रहते हुए जवाहिरी को रोजाना यातनाएं दी जाती थी, जिससे वह हिंसक और कट्टरपंथी बनता गया। 1985 में रिहाई के बाद वह मिस्र छोड़कर सऊदी अरब चला गया।

जानकारी

सऊदी अरब से पाकिस्तान और अफगानिस्तान गया था जवाहिरी

सऊदी अरब से वह पहले पाकिस्तान और फिर अफगानिस्तान चला गया। यहां बतौर डॉक्टर काम करते हुए उसने मिस्र इस्लामिक जिहाद के एक धड़े की स्थापना की। आगे चलकर उसने इस्लामिक जिहाद का नेतृत्व संभाला और मिस्र सरकार के मंत्रियों और प्रधानमंत्री आतिफ सिद्दीकी पर सिलेसिलेवार हमले किए। इस दौरान उसने फंडिंग के लिए कई देशों का दौरा भी किया। मिस्र में इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए चले उसके संघर्ष में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी।

लादेन से संपर्क

1997 में जलालाबाद गया जवाहिरी

माना जा रहा है कि 1997 में जवाहिरी अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में जाकर बस गया, जहां ओसामा बिन लादेन रह रहा था। यहां अलकायदा समेत कई कट्टरपंथी संगठनों ने मिलकर केन्या और तंजानिया स्थित अमेरिकी दूतावासों को निशाना बनाया था, जिसमे 223 लोगों की मौत हुई थी। जवाहिरी के सैटेलाइट फोन से हुई बातचीत के रिकॉर्ड से सामने आया था कि इन हमलों के पीछे ओसामा बिन लादेन और अलकायदा का हाथ था।

आतंकी कृत्य

9/11 हमले के पीछे बताया जा रहा जवाहिरी का दिमाग

धीरे-धीरे आगे चलकर जवाहिरी लादेन का करीबी बनता गया। कई जानकार मानते हैं कि 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमलों के पीछे जवाहिरी का ही दिमाग था। इस हमले के बाद वह अलकायदा का प्रवक्ता बन गया और उसने कई वीडियो जारी किए। इनमें दुनियाभर के मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ बढ़ने के लिए भड़काया जाता था। अमेरिकी स्ट्राइक में लादेन की मौत के बाद वह अलकायदा का प्रमुख बन गया।

जानकारी

2006 में भी अमेरिका ने की थी मारने की हत्या

2001 के हमले के बाद अमेरिका की तरफ से जारी 'सबसे वांछित 22 आतंकियों' की सूची में लादेन के बाद जवाहिरी का नाम दूसरे स्थान पर था। अमेरिका ने उसके सिर पर 25 मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित किया था। जनवरी, 2006 में भी अमेरिका ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा के पास एक स्ट्राइक कर जवाहिरी को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वह जिंदा बच निकला। इसके बाद उसने अमेरिका को चेतावनी दी थी।