अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को वैश्विक आतंकवादी समूह घोषित किया, जानें वजह
अमेरिका ने यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को वैश्विक आतंकवादी समूह की सूची में डाल दिया है। अमेरिका ने यह कदम इस समूह द्वारा लाल सागर में कई मालवाहक जहाजों पर निशाना बनाने के बाद उठाया है। इस घोषणा के बाद अमेरिका के एक बार फिर से बुधवार को यमन में इस आतंकी समूह के ठिकानों को निशाना बनाया। बता दें कि अमेरिका हूती विद्रोहियों को कमजोर करने के लिए उसके ठिकानों को निशाना बना रहा है।
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को आतंकी सूची में क्यों डाला?
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी' (SDGT) के रूप में नामित किया है। ऐसा करने का उद्देश्य मालवाहक जहाजों पर हमला करने और अपहरण करने के लिए उपयोग में लाई जा रही वित्तीय मदद और हथियारों की आपूर्ति को बाधित करना है। इस घोषणा के बाद हूती प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इजरायल की ओर जाने वाले जहाजों पर हमले जारी रहेंगे, अमेरिका के इस कदम का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पहले भी आतंकी समूहों की सूची में शामिल रहे थे हूती विद्रोही
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में हूती विद्रोहियों को आतंकवादी सूची में डाला था, लेकिन बाइडन प्रशासन ने 2021 में इसे सूची से निकाल दिया, ताकि मानवीय त्रासदी से जूझ रहे यमन को मदद सामग्री भेजी जा सके।
अमेरिका ने कहा- लाल सागर पर हमले रुके तो करेंगे फैसले पर विचार
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस फैसले के कार्यान्वयन में 30 दिनों की देरी के दौरान अमेरिका यमन में पहुंचाई जा रही मानवीय सहायता पर नजर रखेगा ताकि इसके किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक बयान में कहा, "अगर हूती लाल सागर और अदन की खाड़ी में अपने हमले बंद कर देते हैं तो अमेरिका तुरंत इस फैसले का पुनर्मूल्यांकन करेगा।"
अमेरिका ने चौथी बार हूतियों के ठिकानों को बनाया निशाना
अमेरिकी सेना ने यमन में हूती नियंत्रित ठिकानों के खिलाफ जहाजों और पनडुब्बियों से कई मिसाइल हमले किये हैं। हाल के दिनों में अमेरिका की इस तरह की चौथी कार्रवाई है। हूतियों द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, धमार, होदीदा, ताइज, अल-बायदा और सादा सहित कई प्रांतों को अमेरिका ने निशाना बनाया है। पिछले हफ्ते अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में हूतियों के लगभग 30 ठिकानों को 150 से अधिक मिसाइलों के जरिए निशाना बनाया गया था।
लाल सागर पर हूतियों के हमले अब भी जारी
हालांकि, प्रतिबंधों और अमेरिका की सैन्य कार्रवाइयों के बावजूद लाल सागर में हूतियों के हमले कम नहीं हो रहे हैं, बल्कि वह और हमले जारी रखने पर अडिग हैं। अमेरिकी सेना ने बुधवार को बताया था कि यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों से लॉन्च किए गए एक ड्रोन ने अदन की खाड़ी में एक अमेरिकी स्वामित्व वाले जहाज पर हमला किया था। हूतियों के इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन जहाज को थोड़ी क्षति पहुंची थी।
लाल सागर में जहाजों को निशाना क्यों बना रहे हूती विद्रोही?
दरअसल, इजरायल-हमास युद्ध में हूती विद्रोही हमास का समर्थन कर रहे हैं। वे इस क्षेत्र में इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमला कर इजरायल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हूती विद्रोही 19 नवंबर के बाद से लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूतियों ने 'MV केम प्लूटो' और 'MV साईबाबा' जहाज पर ड्रोन हमला किया था। लाइबेरिया के ध्वज वाले एक जहाज को भी निशाना बनाया गया था।