श्रीलंका ने चीन के खोजी जहाजों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध, भारत ने जताई थी आपत्ति
नए साल की शुरुआत में ही चीन को बड़ा झटका लगा है। श्रीलंका ने चीन के खोजी जहाजों के अपने बंदरगाहों में प्रवेश पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स ने कुछ अधिकारियों के हवाले से बताया कि श्रीलंका ने इस बारे में भारत को सूचित किया है। बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से भारत की रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करने का आग्रह किया था।
श्रीलंका ने भारत को क्या बताया?
रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका ने भारत को सूचित किया कि वह एक साल की अवधि के लिए किसी भी चीनी अनुसंधान जहाज को अपने बंदरगाहों पर रुकने या अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के भीतर संचालन की अनुमति नहीं देगा। यह जानकारी शीर्ष राजनयिक चैनलों के माध्यम से पिछले सप्ताह भारत को दी गई थी। इस प्रतिबंध का अर्थ है कि चीनी वैज्ञानिक अनुसंधान जहाज जियांग यांग होंग 3 अब दक्षिण हिंद महासागर में खोज के लिए नहीं ठहर सकता।
भारत और अमेरिका की आपत्ति के बाद लिया गया फैसला
बता दें कि जियांग यांग होंग 3 को श्रीलंका ने 5 जनवरी, 2024 से मई के अंत तक दक्षिण हिंद महासागर में ठहरने की अनुमति दी थी। पिछले हफ्ते ही भारत और अमेरिका ने हिंद महासागर में चीन के वैज्ञानिक अनुसंधान जहाजों और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकर्स को मदद पहुंचाने को लेकर श्रीलंका को चेतावनी जारी की थी। इसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने मदद पर रोक लगा दी थी और अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारत की आपत्ति के बावजूद श्रीलंका ने दी थी 'शि यान 6' को अनुमति
भारत ने चीनी नौसेना के 'शि यान 6' नामक एक अनुसंधान जहाज के श्रीलंका में रुकने पर आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद 17 अक्टूबर को बेल्ट रोड इनिशिएटिव (BRI) की 10वीं वर्षगांठ के लिए विक्रमसिंघे ने जहाज को अनुमति दे दी। जहाज 25 अक्टूबर को कोलंबो पहुंचा और 2 दिसंबर को मलक्का जलडमरूमध्य को पार किया। इसके मार्च में फिर से श्रीलंका आने की उम्मीद थी। भारत ने दिसंबर में फिर से पोत शि यान 6 पर आपत्ति जताई थी।
पहले भी चीनी जहाज हिंद महासागर में कर चुके हैं प्रवेश
इससे पहले भी चीनी अनुसंधान जहाजों ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में प्रवेश किया है और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण में 90 डिग्री रिज का गहन सर्वेक्षण किया था। उदाहरण के लिए, चीन ने डेंग जियाक्सियन जहाज को 10-24 अगस्त, 2023 तक IOR में तैनात किया। जहाज ने 28 अगस्त को IOR में फिर से प्रवेश किया और सितंबर में वापस गया।। यही जहाज 11 सितंबर को फिलीपींस सागर का सर्वेक्षण करते हुए भी देखा गया था।
25 चीनी जहाज हिंद महासागर में, भारत और अमेरिका चिंतित
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सेना के युद्धपोतों, पनडुब्बियों, बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकर्स और अनुसंधान जहाजों सहित कम से कम 25 चीनी जहाज IOR में संचालित होते हैं। 2019 के बाद से हिंद महासागर क्षेत्र में चीन लगभग 48 वैज्ञानिक अनुसंधान जहाजों को तैनात कर चुका है। इन सभी जहाजों की तैनाती बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर और फारस की खाड़ी तक की गई है। भारत और अमेरिका ने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है।