#NewsBytesExplainer: विपक्षी गठबंधन INDIA ने क्यों लिया अर्नब-सुधीर समेत न्यूज एंकरों के बहिष्कार का फैसला?
विपक्षी गठबंधन INDIA की समन्वय समिति की पहली बैठक कल दिल्ली में हुई थी। इसमें गठबंधन की आगे की रणनीति पर चर्चा की गई है। इसमें कुछ टीवी एंकरों के बहिष्कार का फैसला भी लिया गया था, जिसकी सूची आज जारी कर दी गई है। INDIA में शामिल पार्टियां अपने प्रवक्ताओं को इन टीवी चैनलों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं भेजेगी। आइए समझते हैं कि ये पूरा फैसला क्या है और क्यों लिया गया।
मीडिया को लेकर बैठक में क्या हुआ?
अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, समन्वय समिति ने ऐसे टीवी एंकरों के नामों की सूची तैयार करने को कहा था, जिनके शो में INDIA गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे। बैठक में इन एंकरों और चैनलों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के 'शिकारी कुत्ते' के तौर पर संबोधित किया गया था। इसके बाद जो सूची जारी की गई, उसमें अर्नब गोस्वामी, सुधीर चौधरी समेत 14 नाम शामिल हैं।
किन एंकरों का बहिष्कार करेगा INDIA?
सूची में भारत एक्सप्रेस की अदिति त्यागी, न्यूज 18 के अमन चोपड़ा, आनंद नरसिंहन और अमीश देवगन, रिपब्लिक भारत के अर्नब गोस्वामी, डीडी न्यूज के अशोक श्रीवास्तव, आज तक की चित्रा त्रिपाठी और सुधीर चौधरी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा भारत 24 की रुबिका लियाकत, इंडिया टुडे के गौरव सावंत और शिव अरूर, इंडिया टीवी की प्राची पाराशर और टाइम्स नाउ नवभारत के सुशांत सिन्हा और नविका कुमार का भी नाम है।
बैठक में मीडिया को लेकर नेताओं ने क्या कहा?
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बैठक के दौरान 'गोदी मीडिया' शब्द का इस्तेमाल किया। बता दें कि ये शब्द उन मीडिया संस्थानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो कथित तौर पर सरकार की गोद में बैठे हैं। एक नेता ने अखबार से बात करते हुए कहा, "बात ये नहीं है कि ये लोग RSS-भाजपा का समर्थन करते हैं, बल्कि ये लोग समाज में जहर घोलते हैं। ये ऐसे मुद्दे चुनते हैं, जिससे सांप्रदायिक तनाव फैलता है।"
मीडिया पर क्या आरोप लगा रहा है विपक्ष?
विपक्ष मीडिया पर अपने प्रवक्ताओं को पर्याप्त समय न देने, सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने और मूल्यों के पालन न करने के आरोप लगा रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि मुख्यधारा की मीडिया यात्रा का बहिष्कार कर रही है। इससे पहले मई 2019 में कांग्रेस ने एक महीने के लिए टीवी के कार्यक्रमों पर अपने प्रवक्ताओं को भेजना बंद कर दिया था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने मीडिया को चरणचुंबक कहा
12 सितंबर को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछा गया था, "आप चरणचुंबक मीडिया कहकर पत्रकारों का अपमान कैसे कर सकती हैं?" इस पर सुप्रिया ने कहा था, "पत्रकार जिस दिन पत्रकारिता करना शुरू कर देंगे और आंख में आंख डालकर सत्ता से महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर और अडाणी के मुद्दे पर सवाल पूछेंगे, उस दिन मैं पत्रकारों की इज्जत करूंगी। सरकार के इशारों पर चलने वाले न्यूजरूम के लिए मेरे मन में कोई सम्मान नहीं है।"
2004 में भी कांग्रेस ने मीडिया पर उठाए थे सवाल
साल 2004 में मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, नटवर सिंह, गुलाम नबी आजाद और अर्जुन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने चिंता जताई थी कि मीडिया पार्टी को पर्याप्त जगह नहीं दे रहा है। इन नेताओं ने अखबारों और मीडिया संस्थानों के संपादकों से अपील करते हुए कहा था कि वे निष्पक्ष होकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करें। रिपोर्ट के मुताबिक, अब विपक्ष मीडिया चैनलों की कवरेज चाहने की बजाय आक्रामक होने की तैयारी कर रहा है।