#NewsBytesExplainer: सचिन पायलट के पिता के मिजोरम में बमबारी से संबंधित दावे का सच क्या है?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रेस पर 1966 में मिजोरम पर हवाई हमले करने का आरोप लगाया था। इसके बाद भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इंदिरा गांधी के आदेश पर राजेश पायलट ने मिजोरम में हवाई हमलों को अंजाम दिया था।
अब राजेश के बेटे और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा के इन दावों को झूठा बताया है।
आइए यह पूरा विवाद जानते हैं।
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के आखिरी दिन लोकसभा में पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने कहा था, "5 मार्च, 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम के असहाय लोगों पर भारतीय वायुसेना के जरिए हमला किया। मिजोरम के लोग आज भी उस भयानक दिन का दुख मनाते हैं। कांग्रेस ने कभी भी मिजोरम के लोगों के सांत्वना नहीं दी और इस बात को देशवासियों से छुपाया। उस वक्त इंदिरा जी देश की प्रधानमंत्री थीं।"
भाजपा
अमित मालवीय ने क्या दावा किया?
भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 13 अगस्त को ट्विटर पर एक न्यूज चैनल का वीडियो शेयर किया था, जिसमें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट को सम्मानित करती दिख रही हैं।
मालवीय ने दावा किया कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च, 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए और उन्हें तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सम्मानित किया था।
सचिन
सचिन पायलट ने मालवीय के दावे पर क्या कहा?
कांग्रेस नेता सचिन ने मंगलवार को अपने ट्विटर पर एक डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए भाजपा के दावों को झूठा बताया।
उन्होंने लिखा, 'मेरे दिवंगत पिता राजेश पायलट 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए थे। आपकी तारीख और तथ्य गलत हैं। हां... भारतीय वायुसेना के पायलट के तौर पर मेरे दिवंगत पिता ने बम बरसाए थे, लेकिन ये बम 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान में बरसाए गए थे।'
सचिन
सचिन बोले- भाजपा का दावा काल्पनिक और तथ्यहीन
सचिन ने कहा, 'यह कहना कि मेरे पिता ने 5 मार्च, 1966 में मिजोरम में बमबारी की थी। यह काल्पनिक, तथ्यहीन और पूरी तरह से भ्रामक है।'
उन्होंने लिखा, 'हां... 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम कराने और स्थायी शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने (राजेश पायलट) महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, जय हिंद।'
उन्होंने अपने पिता का नियुक्ति पत्र भी शेयर किया, जिसमें तारीख 29 अक्टूबर, 1966 है।
इतिहास
1966 में मिजोरम में क्या हुआ था?
29 फरवरी, 1966 को मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने मिजोरम के भारत से अलग होने की घोषणा करते हुए कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। MNF ने पाकिस्तान और चीन की मदद से भारत के खिलाफ हथियार उठाए थे।
इन हालातों के देखते हुए 5 मार्च, 1966 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर वायुसेना के 4 लड़ाकू विमानों ने मिजोरम पर बमबारी की थी।
इस कार्रवाई के बाद MNF के उग्रवादी म्यांमार और पूर्वी पाकिस्तान भाग गए थे।
तथ्य
क्या कहते हैं तथ्य?
सचिन पायलट द्वारा दिखाए गए पत्र के अनुसार 29 अक्टूबर, 1966 को राजेश्वर प्रसाद सिंह बिधूड़ी (राजेश पायलट) भारतीय वायुसेना में पायलट के तौर पर नियुक्त हुए थे।
इस तथ्य को देखें तो राजेश पायलट अक्टूबर, 1966 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने और मिजोरम में हवाई हमला मार्च, 1966 में हुआ था।
ऐसे में सवाल उठता है कि वह अपनी नियुक्ति से 7 महीने पहले मिजोरम में बस कैसे गिरा सकते हैं।
दावा
मिजोरम हमले को लेकर और क्या हैं दावे?
सचिन पायलट द्वारा पेश किए गए नियुक्ति पत्र के विपरीत कुछ पत्रकार और इतिहासकार सचिन पायलट और सुरेश कलमाड़ी के मिजोरम पर बम गिराने का दावा कर चुके हैं।
इनमें शेखर गुप्ता भी शामिल हैं, जो इंडियन एक्सप्रेस के प्रमुख रह चुके हैं।
हालांकि, इन सभी ने अपने दावों के समर्थन में ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है, जैसा सचिन पायलट ने किया है। ऐेसे में उनके दावों पर फिलहाल संदेह है।