अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए NDA के सहयोगी, क्या हैं इसके मायने
क्या है खबर?
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों ने दिल्ली में वाजपेयी की समाधि स्थल 'सदैव अटल' पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी पार्टियों के कई नेता भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे।
कार्यक्रम
भाजपा ने पहली बार NDA नेताओं को किया आमंत्रित
बता दें कि यह पहला मौका है जब भाजपा ने NDA के सहयोगी नेताओं को अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के नेता एम थंबीदुरई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के प्रमुख सुदेश महतो वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
जानकारी
NDA के कौन से और नेता हुए शामिल?
NDA के अन्य सहयोगियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बागी नेता प्रफुल्ल पटेल, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) की सांसद अगाथा संगमा और तमिल मनीला कांग्रेस के प्रमुख जीके वासन भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए।
मायने
विपक्ष के INDIA गठबंधन के बाद तेज हुई है NDA में हलचल
जब से कांग्रेस के नेतृत्व में 26 पार्टियों ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होकर INDIA का गठन किया है, तब से भाजपा भी NDA के अपने सहयोगियों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रही है।
गौरतलब है कि पिछले महीने बेंगलुरू में आयोजित हुई INDIA की बैठक के दूसरे दिन दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व में NDA की बैठक हुई थी। इस बैठक में 38 छोटी-बड़ी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।
कवायद
NDA को साथ लाने के पीछे क्या है भाजपा की रणनीति?
भाजपा NDA के अपने सहयोगियों को एक मंच पर लाकर यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह उसका साथ देने वाली सभी पार्टियां का सम्मान करती है और उन्हें अपना दीर्घकालिक साझेदार बनाए रखना चाहती है।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि उन्हें NDA की अधिकतर पार्टियों के बारे में पहली बार सुना है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि NDA में शामिल कोई भी पार्टी छोटी या बड़ी नहीं है।
बयान
NDA के नेताओं ने क्या कहा?
जीतनराम मांझी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी अपनी पार्टी के पास बहुमत होने के बावजूद सभी को साथ लेकर चलने की उदार कोशिश कर रहे हैं। उन्हें फिर से पूर्ण बहुमत मिलेगा। वह वाजपेयी जी की तरह ही संपूर्ण विकास करना चाहते हैं, जबकि खड़गे अहंकारी हैं और उनका कोई आधार नहीं है।"
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि लोगों के मन में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति पूरा विश्वास है और 2024 में NDA जीत की हैट्रिक लगाएगा।