अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी बोले- विपक्ष आखिरी गेंद पर छक्का मारना चाहता है
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि विपक्षी गठबंधन INDIA लोकसभा चुनाव से पहले एक 'सेमीफाइनल' चाहता था और नतीजे सबके सामने हैं। प्रधानमंत्री मोदी विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक का जिक्र कर रहे थे, जो सोमवार को संसद से पारित हो गया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो आपसी अविश्वास से ग्रस्त हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बोले- हमने उन्हें 2018 में ही अविश्वास दे दिया था
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बोलने वाले विपक्षी नेताओं की सूची पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "वह आखिरी गेंद में छक्का मारना चाहते हैं।" उन्होंने कथित तौर पर कहा, "यह उनके अपने आंतरिक विश्वास की परीक्षा है और अविश्वास प्रस्ताव से यह स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्षी गठबंधन में कौन एकजुट है और कौन नहीं।" उन्होंने कहा, "हमने उन्हें 2018 में ही अविश्वास दे दिया था।"
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन INDIA को बताया 'घमंडिया'
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के गठबंधन INDIA को 'घमंडिया' करार दिया। उन्होंने कहा, "कुछ लोग बहुत अहंकारी हैं और तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "जो लोग सामाजिक न्याय की बात करते हैं, वो और उनका गठबंधन ही वंशवाद और तुष्टिकरण को बढ़ावा देता है। इस वंशवादी, तुष्टिकरण और भ्रष्ट राजनीति ने देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। यह समय भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का है।"
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा शुरू
20 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हुई थी। तब से विपक्ष लगातार संसद में मणिपुर हिंसा पर चर्चा और प्रधानमंत्री मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है। 26 जुलाई को विपक्षी गठबंधन की ओर से लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। इस अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में आज से 3 दिवसीय चर्चा शुरू हो गई है। लोकसभा में दोपहर 12 बजे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत की।
सरकार ने कहा- मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री सदन को संबोधित नहीं करेंगे
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के मुद्दे पर सदन को संबोधित नहीं करेंगे। सरकार ने कहा है कि 1993 और 1997 में मणिपुर में बड़ी हिंसा होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने सदन में बयान नहीं दिया था। सरकार की ओर से सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरेन रिजिजू अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा चर्चा में भाजपा के 5 अन्य सांसद भी हिस्सा लेंगे।