#NewsBytesExplainer: राजस्थान सरकार इस साल क्यों नहीं कराएगी छात्र संघ चुनाव और इस पर क्या विवाद?
राजस्थान के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस की युवा इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन (NSUI) और भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सरकार के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगाए जाने का पूरा मामला क्या है और किस पक्ष का क्या कहना है।
सरकार ने अपने फैसले में क्या कहा?
राजस्ठान सरकार ने मौजूदा शैक्षिक सत्र 2023-24 के दौरान राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय और कॉलेज में चुनाव नहीं करने का फैसला लिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि कुलपतियों के साथ की गई बैठक में पाया गया है कि छात्र संघ के चुनावों के दौरान लिंगदोह समिति की सिफारिशों के उल्लंघन के अलावा रुपये का खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा चुनाव करवाने पर शिक्षण कार्य प्रभावित होगा।
राजस्थान सरकार ने और क्या तर्क दिए?
उच्च शिक्षा विभाग ने छात्र संघ के चुनाव नहीं करवाने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के परीक्षा परिणामों में देरी और प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारण कम से कम 180 दिनों के लिए अध्यापन कार्य करवाना काफी चुनौतीपूर्ण है, इसलिए चुनाव रद्द किए गए हैं। इसके साथ ही 2020 में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों को लागू करने में सामने आ रही चुनौतियों को भी चुनाव नहीं करवाने का कारण बताया गया है।
NSUI ने सरकार के फैसले पर क्या कहा?
NSUI ने राजस्थान सरकार के फैसले का विरोध करते हुए छात्र संघ का चुनाव नहीं करवाने के फैसले को पलटने की मांग की है। NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा, "हम चाहते हैं कि सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव करवाए जाएं। हम अपनी सरकार से चुनाव करवाने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि राजस्थान के युवा और छात्र राजनीति की अपनी पहली पाठशाला में बढ़-चढ़कर भाग ले सकें।"
ABVP ने क्या कहा?
ABVP ने चुनाव नहीं करवाए जाने की स्थिति में पूरे राजस्थान में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समर्थित संगठन के राष्ट्रीय सचिव हुश्यार सिंह मीणा ने कहा, "हमारे सदस्यों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया है और आने वाले दिनों में पूरे राजस्थान में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन आयोजित करेंगे।" उन्होंने कहा कि सभी संगठन महीनों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे और अचानक से चुनाव नहीं करवाने का फैसला हो गया।
विपक्षी भाजपा का मामले पर क्या कहना है?
भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान सरकार छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाकर युवाओं की आवाज और उनके विचारों को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनाव से पहले छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घबराहट को दिखा रहा है। उन्हें डर है कि युवा राजस्थान को कांग्रेस मुक्त कर देंगे और इसी भय से चुनाव टाले गए हैं। वह नैतिक रूप से अपनी पराजय को स्वीकार कर चुके हैं।"
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने भाजपा पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा छात्र संघ चुनावों की आड़ में राज्य की व्यवस्था को बिगाड़ना चाहती है और फैसला कई बिंदुओं पर विचार करने के बाद लिया गया है।