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कांग्रेस ने केजरीवाल को नहीं भेजा सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह का न्योता, जानें वजह
सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल को न्योता नहीं भेजा है

कांग्रेस ने केजरीवाल को नहीं भेजा सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह का न्योता, जानें वजह

लेखन आबिद खान
May 19, 2023
12:04 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद 20 मई को सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इस समारोह के लिए कांग्रेस ने देशभर के कई विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा है। खास बात ये है कि समारोह के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस कदम के पीछे अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। आइए समझते हैं इसकी क्या वजह हो सकती है।

आमंत्रण

कांग्रेस ने किन नेताओं को किया है आमंत्रित?

कांग्रेस ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महबूबा मुफ्ती और सीताराम येचुरी को निमंत्रण भेजा है। इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है।

जानकारी

इन नेताओं को नहीं मिला न्योता

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, समारोह के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को न्योता नहीं भेजा गया है।

वजह

केजरीवाल को इसलिए नहीं भेजा गया न्योता

2013 के दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस लगातार 15 साल से दिल्ली में सत्ता में थी। 2013 में AAP की एंट्री के बाद कांग्रेस को 35 सीटों का नुकसान हुआ और मात्र 8 सीटें ही जीत सकी। बाद के चुनावों में भी AAP ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया। इसी तरह पंजाब में 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। 2022 के चुनावों में AAP ने 92 सीटें जीतीं और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई।

चुनाव

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है AAP

इस साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। इनमें से मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में AAP लंबे समय से सक्रिय है और कांग्रेस को टक्कर दे सकती है। कांग्रेस को डर है कि भले ही AAP जीत दर्ज न कर सके, लेकिन उसके वोट बैंक में सेंधमारी तो कर ही सकती है। पिछले साल मध्य प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में AAP ने सिंगरौली के महापौर पद पर कब्जा कर सबको चौंका दिया था।

सिसोदिया

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर भी कांग्रेस ने बनाई थी दूरी

शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, लेकिन कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली थी। केजरीवाल के बंगले में करोड़ों रुपये खर्च करने वाले मामले में भी कांग्रेस AAP पर हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने बंगले पर 45 नहीं, बल्कि 171 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

हमला

एक-दूसरे पर हमलावर रहती हैं कांग्रेस और AAP

केजरीवाल कई मौकों पर कांग्रेस पर हमला करते दिखे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस की राज्य इकाईयां भी AAP के साथ दोस्ताना व्यवहार पर सहमत नहीं है। दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेता AAP सरकार पर हमलावर रहते हैं। इन राज्यों में कांग्रेस AAP को एक विपक्षी पार्टी की तरह देखती है। जिन राज्यों में AAP चुनाव लड़ रही है, वहां कांग्रेस का वोट तोड़ रही है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर नजदीकी से वोटरों में गलत संदेश जा सकता है।

समारोह

20 मई को होगा शपथ ग्रहण समारोह

बता दें कि 20 मई को सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। राजधानी बेंगलुरू में दोपहर 12.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। सिद्धारमैया और शिवकुमार ने सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल थावरचंद गेहलोत से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। बता दें कि कांग्रेस इस समारोह में खुद को विपक्षी एकता के सूत्रधार के रूप में प्रोजेक्ट कर सकती है।