दिल्ली शराब नीति घोटाले में केजरीवाल का नाम भी आया, ED ने किए कई बड़े दावे
दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम भी आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में इससे संबंधित दावा किया है। उसने कहा कि केजरीवाल ने एक अन्य आरोपी के साथ वीडियो कॉल में इस घोटाले के आरोपी को "अपना आदमी" बताया था। उसका आरोप है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने घोटाले से मिले पैसों का कुछ हिस्सा गोवा के चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया था।
गोवा में स्वयंसेवकों को नकद दिए गए थे 70 लाख रुपये- ED
ED के मुताबिक, गोवा चुनाव में AAP के प्रचार प्रभारी विजय नायर ने सर्वे अभियान में शामिल स्वयंसेवकों को करीब 70 लाख रुपये का नकद भुगतान किया था। आरोप है कि विजय नायर ने दिल्ली में शराब लाइसेंस के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता, आंध्र प्रदेश के सांसद मगुंटा श्रीनिवासलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ रेड्डी से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।
केजरीवाल ने कहा था कि विजय मेरा बंदा है- ED
ED ने दावा किया कि आरोपी विजय ने शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू और केजरीवाल के बीच वीडियो कॉल कराई थी। इसमें केजरीवाल ने समीर से कहा था, "विजय मेरा बंदा है, आपको उस पर पूरा भरोसा करना चाहिए और वो जैसा कहे, वैसा करना चाहिए।"
ED की चार्जशीट में और क्या-क्या?
ED का आरोप है कि विजय ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सहयोगी दिनेश अरोड़ा और हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली के साथ मिलकर रिश्वत की रकम हासिल की थी। दिल्ली की एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश चार्जशीट में ED ने विजय, व्यवसायी सरथ रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली और अमित अरोड़ा का नाम शामिल किया है। ED ने कोर्ट में कहा कि अभी मामले में जांच जारी है। चार्जशीट में सिसोदिया और केजरीवाल का नाम शामिल नहीं है।
चार्जशीट को लेकर केजरीवाल ने क्या कहा?
ED की चार्जशीट को लेकर केजरीवाल ने कहा, "ED अब तक 5,000 केस दर्ज कर चुकी है। ED सरकार गिराने और विधायक खरीदने/बेचने के लिए है और उसकी चार्जशीट पूरी तरह से काल्पनिक है"
क्या है दिल्ली शराब नीति घोटाला है?
17 नवंबर, 2021 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
CBI की FIR के आधार पर ED ने दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
ED ने इस मामले में CBI की FIR के आधार पर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इसके बाद से दोनों जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। मामले में CBI ने सिसोदिया के घर पर छापेमारी कर चुकी है, जबकि जनवरी में CBI टीम उनके दफ्तर पहुंची थी। हालांकि, सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन छापेमारियों को बदले की राजनीति से प्रेरित कदम बताया था।
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है जिसके कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ। सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोविड महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार 2021 में नई शराब नीति लेकर आई थी। इसके जरिए सरकार ने अपने सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी। विवाद के कारण अभी पुरानी नीति लागू है।