कर्नाटक: विधानसभा में विश्वास मत पर बहस, बागी विधायकों पर लागू होगा कांग्रेस का व्हिप
कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत पर बहस चल रही है। बहस में भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत पर आज ही हर हालत में वोटिंग कराने की मांग की, वहीं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पहले पूरी बहस चाहते हैं। इस बीच स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस के अपने विधायकों का जारी किए गए व्हिप को वैध ठहराया है। इसका मतलब इसका उल्लंघन करने वाली बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जा सकती है।
कुमारस्वामी ने कहा, लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश पर हो चर्चा
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, "ये महत्वपूर्ण नहीं है कि गठबंधन की सरकार बचती है या नहीं। पहले हमें लोकतंत्र को खत्म करने की इस साजिश पर चर्चा करनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "मुझमें और मेरे मंत्रियों में आत्मसम्मान है। ऐसा कैसे हो सकता है कि मैं इसके साथ जिऊं और इस पर चर्चा न करूं। मुझे स्पष्टीकरण देना होगा। इस सरकार को अस्थिर करने के लिए कौन जिम्मेदार है?"
सिद्धारमैया ने कहा, विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार
कार्रवाई के दौरान कांग्रेसन नेता सिद्धारमैया ने 'प्वाइंट ऑफ ऑर्डर' लाते हुए कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार है। ॉ उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में व्हिप का जिक्र नहीं किया और केस में कांग्रेस पार्टी पक्ष नहीं थी। इसलिए मुझे अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का संवैधानिक अधिकार है।" उन्होंने कहा कि संसद या किसी कोर्ट ने दल-बदल विरोधी कानून को रद्द नहीं किया है।
स्पीकर का फैसला, लागू होगा व्हिप
भाजपा नेता येदियुरप्पा ने बीच में बोलते हुए कहा, "वो सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं आए और मामले में एक पक्ष बनने के लिए क्यों नहीं कहा?" आखिर में स्पीकर ने व्हिप लागू होने का फैसला दिया। उन्होंने कहा, "अगर कोई सदस्य सदन की कार्यवाही से दूर रहना चाहता है तो उन्हें मुझे लिखने की जरूरत है। मैं इसे स्वीकार करता हूं या नहीं इसके मद्देनजर पार्टी नेता दसवीं दसवीं अनुसूची के तहत अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टकराता है स्पीकर का आदेश
कल सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 15 बागी विधायकों को विश्वास मत में पेश होने की अनिवार्यता से छूट दी थी। इसके लिए उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। लेकिन कांग्रेस ने व्हिप जारी कर बागियों समेत सभी विधायकों को विश्वास मत के दौरान पेश होने को कहा है। नियमों के अनुसार, व्हिप का उल्लंघन करने पर उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ होगा।
कुछ ऐसी है विधानसभा की स्थिति
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-JD(S) को 116 विधायकों का समर्थन हासिल है, जिसमें इस्तीफा देने वाले 16 बागी विधायक और एक बहुजन समाज पार्टी विधायक भी शामिल है। 15 बागी विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। बेंगलुरू के रिजॉर्ट में ठहरे कांग्रेस के विधायक श्रीपंत पाटिल भी बीमारी की वजह से मुंबई पहुंच गए हैं। वहीं, एक बागी विधायक गठबंधन को वोट देने का ऐलान कर चुके हैं। भाजपा के पास 105 विधायक हैं।