कर्नाटक संकट: सिद्धारमैया की बागी विधायकों को चेतावनी, इस्तीफा वापस लें, नहीं तो रद्द होगी सदस्यता
कर्नाटक में सियासी नाटक के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धारमैया ने बागी कांग्रेस विधायकों को चेतावनी दी है। उन्होंने बागियों से अपना इस्तीफा वापस लेने या सदस्यता रद्द किए जाने को तैयार रहने को कहा है। इस बीच आज कर्नाटक विधानसभा स्पीकर कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 13 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला ले सकते हैं। कांग्रेस-JD(S) गठबंधन सरकार का भविष्य उनके फैसले पर निर्भर करता है और इस्तीफे स्वीकार होने पर सरकार गिर जाएगी।
सिद्धारमैया बोले, भाजपा से मिल चुके हैं बागी विधायक
सिद्धारमैया ने मंगलवार को बेंगलुरू में कांग्रेस विधायक दल के साथ बैठक की। बैठक में बागी विधायकों के भविष्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमारे अनुसार, ये पार्टी विरोधी गतिविधियां हैं और वो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिल चुके हैं। ये लोग फंस गए हैं। अब भी मैं उनसे वापस आने और अपने इस्तीफे वापस लेने का अनुरोध करता हूं। पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द करने का अनुरोध करने का फैसला लिया है।"
सिद्धारमैया को उम्मीद, इस्तीफे स्वीकार नहीं करेंगे स्पीकर
बैठक के दौरान सिद्धारमैया ने उम्मीद जताई कि स्पीकर केआर रमेश कुमार 13 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक और वास्तविक नहीं थे। स्पीकर इस बात से संतुष्ट होंगे। दसवीं अनुसूची के अनुसार स्पीकर सर्वोच्च हैं।" सिद्धारमैया से पहले स्पीकर आज सुबह अपने बयान में कह चुके हैं कि वह संविधान के अनुसार फैसला लेंगे। उन्होंने आज ही इस्तीफों पर फैसला लेने की बात कही है।
इस्तीफे स्वीकार होने पर गिर जाएगी सरकार
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस-JD(S) के 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद गठबंधन की सरकार पर संकट खड़ा हो गया था। इसके बाद सोमवार को 2 निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस लेकर संकट को और बढ़ा दिया। अब अगर स्पीकर 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 104 रह जाएगी और वह बहुमत खो देगी।
इस तरीके से सरकार बना सकती है भाजपा
13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का संख्याबल गिरकर 211 हो जाएगा और बहुमत का आंकड़ा 106 हो होगा। भाजपा के पास राज्य में 105 सीटें हैं, ऐसे में अगर गठबंधन की सरकार गिरती है तो राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उसे सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं। इसके बाद दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन भाजपा सरकार बना सकती है, जिनमें से एक उसे पहले ही समर्थन दे चुका है।
सिद्धारमैया ने भाजपा पर फिर बोला हमला
अपनी बैठक में सिद्धारमैया ने भाजपा पर भी जमकर हमला बोला और उस पर कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "इसके बावजूद कि जब भाजपा को मौका मिला था तो वह विधानसभा में बहुमत साबित करने में असफल रही थी, भाजपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही लगातार उसे अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।" कल उन्होंने भाजपा को देश के लिए कलंक बताया था।