कर्नाटक विधानसभा में 18 जुलाई को बहुमत परीक्षण, कांग्रेस-JD(S) गठबंधन को करना होगा बहुमत साबित

विधायकों के इस्तीफे के कारण संकट से गुजर रही कर्नाटक सरकार गुरुवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने विधानसभा की कार्यसूची बनाने वाले पैनल के साथ बैठक के बाद ये घोषणा की। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को सुबह 11 बजे विश्वास मत पर वोटिंग होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत के लिए तैयार होने के बात कहते हुए स्पीकर से तारीख तय करने को कहा था।
Siddaramaiah, Congress: Discussion on vote of confidence will be taken up on Thursday at 11 am in Karnataka Assembly. pic.twitter.com/bXDJIHbGqX
— ANI (@ANI) July 15, 2019
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में सत्ता पर काबिज कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन को 116 विधायकों का समर्थन हासिल है, जिसमें एक बहुजन समाज पार्टी का विधायक भी शामिल है। मौजूदा संकट के बीच दो निर्दलीय विधायक उससे समर्थन वापस ले चुके हैं। वहीं, उसके 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। विधायकों के इस्तीफे पर सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को सुनवाई करेगा और तब तक स्पीकर को इन पर कोई फैसला नहीं लेने को कहा है।
अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार सभी 16 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं, तो कांग्रेस-JD(S) गठबंधन के पास 100 विधायकों का समर्थन रह जाएगा। ऐसे में गठबंधन 18 जुलाई को बहुमत साबित नहीं कर पाएगा और सरकार गिर जाएगी। इस बीच अगल 11 बागी विधायकों को भी इस्तीफा स्वीकार होता है तो 105 सीटों वाली भारतीय जनता पार्टी के पास सरकार बनाने का मौका होगा।
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में बहुमत साबित करने को तैयार होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "मेरे लिए बिना बहुमत साबित किए जारी रखना उचित नहीं होगा। मैं ऐसा नहीं हूं कि जो मेरी सरकार के पास बहुमत की कमी होने के बावजूद भी अपने पद से चिपका रहूं।" वहीं रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें जीतने का पूरा भरोसा है तो वह डरे क्यों।
जीतने के इस भरोसे के बीच कांग्रेस-JD(S) गठबंधन के नेता अपने बागी विधायकों को मनाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अभी तक ये सारे प्रयास असफल रहे हैं और मुंबई के होटल में ठहरे बागी विधायकों ने उनसे मिलने की कांग्रेस नेताओं की सारी कोशिशों को नाकाम किया है। आज सुबह भी मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद उनके मिलने वाले थे, लेकिन उन्होंने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर उनसे गंभीर खतरे का आरोप लगा दिया।