दिल्ली शराब घोटाला: तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी का सहयोगी गिरफ्तार, सिसोदिया से ED करेगी पूछताछ
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले के मामले में आरोपी हैदराबाद के व्यापारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को मंगलवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
अरुण पिल्लई एक कंपनी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के सहयोगी के रूप में काम करते थे।
गौरतलब है कि ED ने कुछ दिन पहले इसी मामले में हैदराबाद से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बुच्ची बाबू गोरटंला को भी गिरफ्तार किया था।
आरोप
पिल्लई पर क्या आरोप हैं?
ED के साथ मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहले कहा था कि पिल्लई ने शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू से आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रचार प्रभारी विजय नायर के जरिए अनुचित आर्थिक लाभ एकत्र किया था।
ED समीर महेंद्रू और विजय नायर को गिरफ्तार कर चुकी है।
ED ने अपनी चार्जशीट में कविता पर भी इंडोस्पिरिट्स में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाते हुए दिसंबर, 2022 में पूछताछ की थी।
आरोप
पूरा मामला क्या है?
आरोप है कि विजय नायर ने दिल्ली में शराब लाइसेंस के लिए कविता, आंध्र प्रदेश के सांसद मगुंटा श्रीनिवासलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ रेड्डी से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।
ED के मुताबिक, विजय ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सहयोगी दिनेश अरोड़ा और हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली के साथ मिलकर रिश्वत की रकम हासिल की थी और इस रकम का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया था।
पूछताछ
मामले में सिसोदिया से ED करेगी पूछताछ
ED इसी मामले के संबंध में आज तिहाड़ जेल में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ करेगी। इससे पहले सिसोदिया CBI की रिंमांड में थे और रिमांड खत्म होने पर उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
बता दें कि CBI ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को शराब नीति घोटाले में भूमिका होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
घोटाला
क्या है दिल्ली का शराब नीति घोटाला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी।
जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
सिसोदिया पर लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ देने का आरोप है।