#NewsBytesExplainer: क्या है शराब नीति मामला, जिसमें गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया और कब-क्या हुआ?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को नई शराब नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया पर नई शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता से जुड़े कई आरोप हैं। इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ पिछले साल CBI ने केस दर्ज किया था। शराब नीति का पूरा मामला क्या है, सिसोदिया पर क्या आरोप हैं और मामले में कब-क्या कार्रवाई हुई, आइये विस्तार से जानते हैं।
सबसे पहले नई शराब नीति के बारे में जानिए
अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार 2021 में नई शराब नीति लेकर आई थी। इसके जरिए सरकार ने अपनी सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी।
भ्रष्टाचार के आरोपों की शुरूआत कैसे हुई?
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को मई, 2022 में आबकारी विभाग से नई शराब नीति में बदलाव के लिए एक प्रस्ताव मिला था। इसके विश्लेषण के दौरान कुमार को नई शराब नीति में कुछ प्रक्रियात्मक खामियां और अनियमितताएं मिलीं, जिसके बाद उन्होंने 8 जुलाई को आबकारी मंत्री सिसोदिया, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल ने मामले की CBI जांच की सिफारिश की और भ्रष्टाचार के लिए सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया।
मनीष सिसोदिया पर क्या आरोप लगे?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। दरअसल, कोविड महामारी का हवाला देकर शराब कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ की गई थी। आरोप है कि यह फैसला लेते वक्त सिसोदिया ने कैबिनेट को नहीं बताया और न ही उपराज्यपाल से इसकी अनुमति ली। उपराज्यपाल का आरोप है कि ऐसा तभी संभव है जब सिसोदिया को रिश्वत और कमीशन दिया गया हो।
सिसोदिया पर और क्या आरोप?
सिसोदिया पर एयरपोर्ट पर शराब बेचने का लाइसेंस प्राप्त करने वाले लाइसेंसधारकों को 30 करोड़ रुपये रिफंड करने का भी आरोप है। ये लाइसेंसधारक एयरपोर्ट प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं हासिल कर पाए थे। दावा है कि ये पैसा रिफंड करने की बजाय जब्त किया जाना चाहिए था। इसके अलावा बिना अनुमति के विदेशी बीयर पर 50 रुपये प्रति बॉक्स का आयात शुल्क भी हटा दिया गया, जिससे विदेशी बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।
मामले में कब-क्या हुआ?
मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद 22 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की। इस बीच इसे लेकर आम आदमी पार्टी (AAP)आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई को मनीष सिसोदिया ने अगले 6 महीने के लिए दोबारा पुरानी शराब नीति लागू करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि नई शराब नीति में विसंगतियों को दूर कर इसे फिर से लाया जाएगा।
अगस्त, 2022 में CBI ने दर्ज की थी FIR
मामले में CBI ने 17 अगस्त, 2022 को FIR दर्ज की थी, जिसमें मनीष सिसोदिया समेत 3 अधिकारियों और 12 लोगों को आरोपी बनाया गया। 2 दिन बाद ही CBI ने सिसोदिया समेत AAP के कई नेताओं के घर पर छापा मारा। दिल्ली समेत 6 राज्यों की 20 जगहों पर छापे मारे गए। 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
CBI ने मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर खंगाले
30 अगस्त को CBI ने मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की तलाशी ली। सिसोदिया ने दावा किया कि CBI को कुछ नहीं मिला और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। सितंबर के शुरुआती 2 हफ्तों में ED ने इस मामले में मुंबई, तेलंगाना, पंजाब समेत 35 ठिकानों पर छापे मारे। 19 सितंबर को AAP विधायक दुर्गेश पाठक से लगातार 10 घंटे पूछताछ की गई। 27 सितंबर को AAP के विजय नायर को गिरफ्तार किया गया।
चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं
17 अक्टूबर को CBI ने मनीष सिसोदिया से 9 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उन पर AAP छोड़ भाजपा में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा है। 25 नवंबर को CBI ने CBI ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुल 7 लोग आरोपी बनाए गए। चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था। इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता का भी नाम आया। दिसंबर में कविता से पूछताछ हुई।
15 जनवरी को जब्त किए गए सिसोदिया के कंप्यूटर
इस साल 15 जनवरी को CBI ने सिसोदिया के दफ्तर से कंप्यूटर जब्त किया। 18 फरवरी को सिसोदिया को समन जारी करते हुए एजेंसी ने 19 फरवरी को पेश होने को कहा। व्यस्तता का हवाला देते हुए सिसोदिया ने कहा था कि वे 2023-24 के लिए दिल्ली का बजट बनाने में व्यस्त हैं और एक हफ्ते की मोहलत मांगी। इसके बाद CBI ने उन्हें नया समन जारी कर रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर गिरफ्तार कर लिया।