#NewsBytesExplainer: राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से विपक्ष को कितनी मजबूती मिलेगी?
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की रविवार को शुरुआत हो गई है। यह यात्रा पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से शुरू होकर महाराष्ट्र में समाप्त होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने थौबल जिले से आधिकारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया है। यह यात्रा 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। आइए जानते हैं कि राहुल की यात्रा विपक्षी गठबंधन INDIA को कितना फायदा हो सकता है।
सबसे पहले यात्रा के बारे में जानिए
इस न्याय यात्रा दौरान राहुल 67 दिनों में 6,700 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेंगे। उनकी यात्रा मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात से होते हुए 15 मार्च को महाराष्ट्र के मुबंई में समाप्त होगी। काग्रेस ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा लोगों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय दिलाने पर केंद्रित है। इसमें लोगों को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा।
क्यों मणिपुर से हुई यात्रा की शुरुआत?
पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच संघर्ष चल रहा है। मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाती रही हैं। यात्रा की शुरुआत में दिए भाषण में राहुल ने इस बात जिक्र किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसाग्रस्त मणिपुर उसके हालात पर छोड़ दिया और भाजपा को मणिपुर से कोई सरोकर नहीं है। मणिपुर के बहाने विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने की कोशिश में है।
भारत जोड़ो यात्रा से कितना हुआ फायदा?
राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को फायदा हुआ। उस वक्त राहुल ने कर्नाटक और तेलंगाना में अधिक समय बिताया था। पिछली यात्रा से राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस को फायदा नहीं हुआ, लेकिन राहुल अपनी छवि बदलने में कुछ हद तक सफल रहे हैं। उन्हें अब भारतीय राजनीति में अब एक परिपक्व राजनेता के तौर पर देखा जाने लगा है।
राहुल की पिछली यात्रा से कितनी अलग है न्याय यात्रा?
राहुल की पिछली यात्रा 3-4 महीने लंबी और थका देने वाली थी। इसे देखते हुए इस बार की न्याय यात्रा का एक बड़ा हिस्सा वाहनों से तय किया जाएगा और भारत जोड़ो यात्रा की तुलना में यह यात्रा करीब दोगुनी दूरी तय करेगी। इससे समय और संसाधनों की बचत होगी और राहुल विपक्ष के लिए अधिक प्रचार कर सकेंगे। दूसरी ओर यात्रा के दौरान ही INDIA गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेता अलग-अलग जगहों पर संयुक्त रैली करेंगे।
विपक्ष को यात्रा से क्या मिलेगा फायदा?
राहुल की यात्रा 15 राज्यों से गुजरेगी, उनमें लोकसभा की 357 सीटें आती हैं। इनमें से ज्यादातर पर फिलहाल भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों का कब्जा है और INDIA गठबंधन कमजोर है। यात्रा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों को अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए ठोस रणनीति की आवश्यकता है। विपक्ष यह जानता है कि जनसंपर्क अभियान से चुनाव में फायदा मिलता है। भाजपा की जनसंपर्क रणनीति ही उसे चुनाव में 'अजेय' बनाए हुए है।
चुनाव से पहले राज्यों में क्या है विपक्ष की स्थिति?
INDIA पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और पंजाब में सत्तारूढ़ है, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कुछ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में NDA का दबदबा है। चुनाव में बिहार और महाराष्ट्र में दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने INDIA गठबंधन बनाया है। हाल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया है।