#NewsBytesExplainer: लोकसभा चुनाव से पहले OBC को लुभाने की कोशिश क्यों कर रही हैं विभिन्न पार्टियां?
क्या है खबर?
देश की नई संसद में जब महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया, तब लगभग हर पार्टी ने इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की मांग उठाई थी।
कांग्रेस समेत कई पार्टियां महिला आरक्षण विधेयक में OBC कोटा के साथ-साथ जातिगत जनगणना की मांग भी कर रही हैं। दूसरी तरफ भाजपा ने खुद को OBC को सबसे बड़ा हितैषी बताया है।
आइए जानते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों में OBC को लेकर इतनी खींचतान क्यों है।
आबादी
देश की कितनी आबादी OBC?
देश में पहली बार 1881 में और आखिरी बार 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी। 1941 में जाति के आधार पर डाटा जुटाए गए, लेकिन उन्हें जारी नहीं किया गया।
1931 के आंकड़ों के अनुसार, देश में OBC की जनसंख्या 52 प्रतिशत होनी चाहिए। हालांकि, कुछ सर्वे में ये 40-41 प्रतिशत भी बताई गई है।
इस अनिश्चितता के कारण ही जातिगत जनगणना कर भारत की आबादी में OBC की वास्तविक संख्या का पता लगाने की मांग की जाती है।
जनगणना
जातिगत जनगणना से क्या फायदे मिलने की बात कही जा रही?
तर्क दिया जाता है कि जातिगत जनगणना से OBC की असल जनसंख्या का पता चलेगा और आबादी के हिसाब से उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सकेगा।
जातिगत जनगणना से सरकार को नीति निर्माण में मदद मिलने की बात भी कही जाती है क्योंकि फिर उसके बाद एक निश्चित डाटा होगा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कहां किसकी कितनी आबादी है।
हालांकि, जातिगत जनगणना की मांग के पीछे असली वजह चुनावों में OBC की निर्णायक भूमिका है।
OBC
क्यों निर्णायक साबित हो सकते हैं OBC वोट?
2007 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के सर्वे में देश में OBC की जनसंख्या 41 प्रतिशत बताई गई थी। दूसरी तरफ 1980 के दशक में मंडल आयोग ने OBC की आबादी 52 प्रतिशत बताई थी।
इनमें से भी किसी भी आंकड़े को सही मान लिया लाए, ये दोनों दर्शाते हैं कि देश की राजनीति में OBC कितने अहम हैं।
उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में OBC की जनसंख्या राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
भाजपा
पिछले चुनावों में क्या रही थी OBC की भूमिका?
OBC वोटबैंक कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाने में OBC की भूमिका अहम रही थी।
2019 लोकसभा चुनाव में 40 प्रतिशत OBC मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था, जबकि गैर-प्रमुख OBC में उसे 48 प्रतिशत वोट मिले थे।
2014 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसे 34 प्रतिशत OBC वोट मिले थे।
लोकसभा
OBC 2024 लोकसभा चुनाव में क्या भूमिका निभा सकते हैं?
2024 के चुनावों में OBC जिस भी गठबंधन का साथ देंगे, वो सत्ता के बेहद करीब पहुंच जाएगा।
यही वजह है कि विपक्षी गठबंधन INDIA भाजपा को OBC विरोधी बताने की कोशिश कर रहा है और इसमें शामिल पार्टियां महिला आरक्षण में OBC कोटा और जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं।
अगर विपक्ष चुनाव में भाजपा का OBC वोट खिसकाने में कामयाब रहता है तो इससे उसे बड़ा नुकसान होना तय है।