#NewsBytesExplainer: NDA और INDIA के बीच कितना करीबी मुकाबला है और कांग्रेस क्यों अहम?
क्या है खबर?
देश के अगले लोकसभा चुनाव में सिर्फ कुछ महीनों का समय रह गया है।
इनमें केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्यूसिव अलायंस (INDIA) के बीच सीधा मुकाबला होगा।
फिलहाल NDA काफी मजबूत स्थिति में दिख रही है, लेकिन INDIA की मजबूत कोशिश से मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।
आइए आंकड़ों के जरिए दोनों गठबंधनों के बीच के मुकाबलों को समझने की कोशिश करते हैं।
गठबंधन
सबसे पहले जानें NDA में कौन-कौन शामिल
NDA में वर्तमान में भाजपा समेत 38 पार्टियां शामिल हैं।
इनमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP), नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP), जननायक जनता पार्टी (JJP), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा शामिल हैं।
इसके अलावा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल और अजित पवार के नेतृव वाला NCP का बागी गुट भी NDA का हिस्सा है।
गठबंधन
INDIA में कितनी और कौन-सी पार्टियां शामिल?
कांग्रेस समेत 26 पार्टियां INDIA का हिस्सा हैं।
इनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (उद्धव बालसाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी (SP), जनता दल यूनाइडेट (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), आम आदमी पार्टी (AAP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) शामिल हैं।
इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), भारतीय कम्युनिट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिट पार्टी मार्क्सवादी (CPM), भारतीय कम्युनिट पार्टी (माले), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी INDIA का हिस्सा हैं।
नतीजे
INDIA के वोट शेयर का क्या ट्रेंड?
2009 के लोकसभा चुनाव को INDIA के सहयोगियों का स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। इसमें उन्होंने मिलकर 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करते हुए 347 सीटों पर जीत हासिल की थी।
5 वर्ष बाद 2014 में INDIA की सहयोगी पार्टियों का वोट शेयर बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया, लेकिन वे केवल 161 सीटें ही जीतने में कामयाब हो पाईं।
2019 में INDIA का वोट शेयर गिरकर 38 प्रतिशत हो गया और सहयोगी पार्टियां केवल 158 सीटों पर सिमट गईं।
नतीजे
NDA का वोट शेयर कितना है?
भाजपा के नेतृत्व वाला NDA 2009 में सिर्फ 27 प्रतिशत वोट हासिल कर पाया था।
2014 में NDA का वोट शेयर 39 प्रतिशत रहा और उसने 353 सीटें जीतीं, जो 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी गठबंधन के लिए सबसे अधिक थीं। इस चुनाव में NDA की जीत के पीछे मोदी लहर एक बड़ा कारण थी।
NDA ने पिछले लोकसभा चुनाव में 45 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करते हुए 341 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वोट शेयर
2024 में कितना करीबी है मुकाबला?
पिछले लोकसभा चुनाव के हिसाब से बात करें तो NDA के सहयोगी दलों को कुल 45 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं INDIA में शामिल दलों को इससे 7 प्रतिशत कम यानी 38 प्रतिशत वोट मिले थे।
दोनों के बीच अंतर अधिक नहीं है और इन आंकड़ों से पता चलता है कि विपक्षी गठबंधन INDIA का दृढ़ और संयुक्त प्रयास 2024 के चुनाव को एक करीबी मुकाबला बना सकता है।
हालांकि, INDIA के लिए यह राह इतनी भी आसान नहीं है।
मुश्किल
INDIA के सामने क्या मुश्किलें हैं?
दोनों गठबंधनों के कुल वोट शेयर के बीच 7 प्रतिशत का अंतर काफी मामूली प्रतीत होता है।
हालांकि, INDIA के लिए इसे पार करना मुश्किल नहीं होगा क्योंकि पिछले 2 लोकसभा चुनावों में NDA और भाजपा का दबदबा रहा है जो मोदी फैक्टर की तरफ इशारा करता है।
भाजपा के पास खुद का ही 37 प्रतिशत वोट शेयर है, जो INDIA के कुल वोट शेयर के लगभग बराबर है, जबकि भाजपा की कुल सीटें विपक्षी गठबंधन से लगभग दोगुनी हैं।
तुलना
क्या भाजपा और कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई संबंध है?
भाजपा के प्रभुत्व को कांग्रेस के पतन के संदर्भ में आसानी से समझा जा सकता है।
1991 में भाजपा को 20 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 36 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ें लगभग पलट गए।
2019 में बीजेपी को 37 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस सिर्फ 20 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई।
अगर 2014 की बात करें तो भाजपा का वोट शेयर 31 प्रतिशत था, जबकि कांग्रेस का महज 19 प्रतिशत था।
मुकाबला
क्यों कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन विपक्ष के लिए जरूरी?
कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर 20 प्रतिशत के वोट शेयर और 52 सीटों के साथ INDIA गठबंधन को नेतृत्व प्रदान करती है।
क्षेत्रीय दलों के गढ़ों के विपरीत पूरे देश में मौजूदगी होने के कारण पार्टी का वोट-टू-सीट रूपांतरण कमजोर है।
हालांकि, कांग्रेस के वोट प्रतिशत में कुछ प्रतिशत की वृद्धि भी भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि करीब 200 सीटें ऐसी हैं, जहां पर दोनों पार्टियां सीधे तौर पर एक-दूसरे से लड़ रही हैं।
चुनाव
न्यूजबाइट्स प्लस
विपक्षी गठबंधन INDIA की पहली बैठक पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हुई थी, जबकि दूसरी बैठक बेंगलुरू में आयोजित हुई।
INDIA की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होनी है।
हालांकि, गठबंधन के संयोजक का नाम अभी तक तय नहीं है और सहयोगी पार्टियों में प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के नाम को लेकर भी खींचतान देखने को मिल रही है।
INDIA में 26 पार्टियां शामिल हैं, वहीं NDA में 38 पार्टियां हैं।