विपक्षी एकता को लग सकता है झटका, CPIM बंगाल और केरल में गठबंधन के खिलाफ- रिपोर्ट
क्या है खबर?
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्ष की एकजुटता को बड़ा झटका लग सकता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) पश्चिम बंगाल और केरल में गठबंधन के पक्ष में नहीं है और अकेले चुनावी मैदान में उतर सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में पार्टी के सूत्रों के हवाले से ये खबर दी गई है।
इन राज्यों में पार्टी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी INDIA गठबंधन के उसकी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस हैं।
फैसला
CPIM ने लिया भाजपा और TMC दोनों से दूरी बनाकर रखने का फैसला
CPIM से जुड़े सूत्रों ने NDTV को बताया है कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल में TMC और भाजपा दोनों से ही दूरी बनाकर रखने का फैसला किया है। CPIM के इस फैसले ने विपक्षी गठबंधन में मतभेद को उजागर कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में CPIM की पोलित ब्यूरो की बैठक में ये निर्णय लिया गया। सूत्रों ने दावा किया कि विपक्षी वोटों का बंटवारा न हो, ये सुनिश्चित करने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।
दूरी
CPIM ने INDIA की बैठक से भी बनाई दूरी
CPIM पिछले सप्ताह INDIA की समन्वय समिति की बैठक में शामिल नहीं हुई थी, जबकि 14 सदस्यीय पैनल में उसके लिए एक सीट आरक्षित रखी गई थी।
इसके कारण भी उसके INDIA में बने रहने पर सवाल उठ रहे हैं। सीताराम येचुरी के ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने पर भी पार्टी में संशय है।
हालांकि, इस संशय के बीच पार्टी की पोलित ब्यूरो ने कहा कि बैठक में उसने INDIA के साथ काम करने का निर्णय लिया है।
बयान
INDIA के साथ काम करने पर पोलित ब्यूरो ने क्या कहा?
पोलित ब्यूरो ने अपने बयान में कहा, "पोलित ब्यूरो ने भारतीय गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र, संविधान, लोकतंत्र और लोगों के मौलिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों को मजबूत करने के लिए INDIA के साथ एकीकरण और उसके विस्तार के लिए काम करने का निर्णय लिया है।"
उसने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि केंद्र की भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर किया जाए।
टकराव
बंगाल और केरल में INDIA की राह क्यों मुश्किल?
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और लेफ्ट के बीच के टकराव किसी से छिपे नहीं है। अक्सर हर मंच से ये दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे को निशाना बनाती रही हैं। ऐसे में एक गठबंधन के लिए एक ही छत के नीचे आना इन दोनों ही पार्टियों के लिए आसान नहीं है।
इसी तरह केरल में भी कांग्रेस और CPIM एक-दूसरे की कट्टर विरोधी हैं। यहां CPIM की सरकार है और कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए पंजाब और दिल्ली में भी राह आसान नहीं है।
यहां गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) एक-दूसरे की धुर-विरोधी हैं। ऐसे में वो अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहेंगी।
दोनों पार्टियों के नेताओं के बयान भी स्थिति को और अधिक जटिल बना रहे हैं और विभिन्न मौकों पर पंजाब की सारी सीटों पर खुद चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं।
दोनों की राज्य इकाइयों गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं।