तेलंगाना: राहुल गांधी का बड़ा ऐलान, सत्ता में आए तो कराएंगे जातिगत जनगणना
क्या है खबर?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने तेलंगाना की एक रैली में ऐलान किया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य में जातिगत जनगणना कराई जाएगी।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा और कहा कि दोनों ही इस मुद्दे पर बोलने से बचते हैं।
बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी ने बुधवार से अपने चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया।
जातिगत जनगणना
जातिगत जनगणना देश के लिए एक्स-रे का काम करेगी- राहुल
राहुल गांधी ने सूबे के भूपालपल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "जब मैंने संसद में पूछा कि देश में कितने BC, SC और ST को अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है तो मुझे पता चला कि केवल 5 प्रतिशत अधिकारी इन श्रेणियों से हैं। जातिगत जनगणना देश के लिए एक्स-रे का काम करेगी। जब मैं जातिगत जनगणना पर बोलता हूं तो न तो प्रधानमंत्री और न ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं।"
हमला
राहुल ने कहा- भाजपा से मिले हुए हैं मुख्यमंत्री
सभा में राहुल ने कहा, "भाजपा, राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और ऑल इंडिया मजलिस-इ-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) एक साथ मिलकर कांग्रेस को हराने की साजिश कर रहे हैं, भाजपा विपक्ष को डराने के लिए केस करती है, मैं आपसे पूछता हूं कि अब तक मुख्यमंत्री के पीछे ED, CBI क्यों नहीं लगे? मैं उनसे लड़ता हूं तो मुझ पर भाजपा ने 24 केस कर रख हैं। ये मिलकर काम कर रहे हैं।"
मुद्दा
तेलंगाना में जातिगत जनगणना को मुख्य मुद्दा बनाने में जुटी कांग्रेस
तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है और इससे पहले कांग्रेस यहां पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए जातिगत जनगणना को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने में जुटी है।
प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी ने भी कहा कि बिहार में हुए जातिगत जनगणना की तर्ज पर राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी पता करने के लिए ये गणना करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़ों की स्थिति में सुधार नहीं है।
मांग
राहुल कई मंचों से कर चुके हैं देश में जातिगत जनगणना की मांग
राहुल जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं।
जब हाल ही में बिहार में जातिगत सर्वे हुआ था, तब उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 'जितनी आबादी उतना हक' नारे के साथ देशव्यापी जाति-आधारित सर्वेक्षण पर जोर डाला था।
अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी वो इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति की एक बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना करवाने का फैसला लिया गया था।
जातिगत जनगणना
क्या है जातिगत जनगणना?
जातिगत जनगणना का अर्थ है- जनगणना में भारत की जनसंख्या का जातिवार सारणीकरण करना है।
भारत में 1952 के बाद से जनगणना में केवल अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) का डाटा सार्वजनिक किया जाता है।
इसके अलावा धर्म, भाषा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित जानकारियां सार्वजनिक की जाती हैं, लेकिन जातिवार जनसंख्या सार्वजनिक नहीं की जाती।
अब इसे ही सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है।