MUDA मामले में घिरे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, क्या धोना पड़ेगा कुर्सी से हाथ?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में राज्यपाल ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में सिद्धारमैया के साथ उनकी पत्नी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। माना जा रहा है कि अब पहले से ही हमलावर विपक्षी पार्टियां सिद्धारमैया पर और हमलावर हो सकती हैं। आइए जानते हैं मामले का सिद्धारमैया के राजनीतिक करियर पर क्या असर हो सकता है।
मामले पर कांग्रेस आलाकमान का क्या रुख है?
कांग्रेस नेतृत्व ने खुलकर सिद्धारमैया का समर्थन किया है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि यह सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, "भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल जहां भी हैं, चाहे वो पश्चिम बंगाल हो, कर्नाटक हो, तमिलनाडु हो या जिन राज्यों में गैर-भाजपा सरकारें हैं, वहां वे परेशानी खड़ी कर रहे हैं।"
कर्नाटक कांग्रेस में बढ़ेगी खींचतान?
माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम के बाद कर्नाटक कांग्रेस में गुटों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मनमुटाव है। कई बार ऐसी चर्चाएं उठीं कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बीच में शिवकुमार ने अपने विधायकों से इस संबंध में मीडिया में कोई बयान नहीं देने की हिदायत भी दी थी।
क्या जाएगी सिद्धारमैया की कुर्सी?
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा। पार्टी नेताओं ने बताया कि सिद्धारमैया पार्टी के लोकप्रिय पिछड़े वर्ग के चेहरों में से एक हैं। ऐसे समय में जब कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को लेकर खुद आक्रामक है, तब मुख्यमंत्री बदलने का दांव राजनीतिक रूप से उल्टा पड़ सकता है। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक का बड़ा OBC समुदाय है।
पार्टी संकट से निपटने के लिए क्या रणनीति अपना रही है?
माना जा रहा है कि कांग्रेस सिद्धारमैया के खिलाफ आरोपों का राजनीतिक रूप से मुकाबला करने के लिए पिछड़ा कार्ड खेल सकती है। कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इससे संबंधित बयान भी दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई गरीबों, पिछड़ों, SC/ST और हाशिए के वर्गों के खिलाफ भाजपा और मोदी सरकार की साजिश है और यह मामला पिछड़े वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री को निशाना बनाने का है।
सिद्धारमैया क्या कर रहे हैं?
कर्नाटक सरकार ने आज मंत्रिमंडल की विशेष बैठक बुलाई है। सिद्धारमैया ने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को हटाने की साजिश है। पार्टी राज्यपाल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी भी कर रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में याचिका दायर की जा सकती है।
क्या है मामला?
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। इस जमीन को MUDA ने अधिग्रहित किया था और बदले में पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई। आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है। बता दें कि MUDA कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है।