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    महाराष्ट्र सियासी संकट: बागियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का डिप्टी स्पीकर और केंद्र को नोटिस
    एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को भेजा नोटिस।

    महाराष्ट्र सियासी संकट: बागियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का डिप्टी स्पीकर और केंद्र को नोटिस

    लेखन भारत शर्मा
    Jun 27, 2022
    04:28 pm

    क्या है खबर?

    महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

    इसमें सुप्रीम कोर्ट ने 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के संबंध में जारी नोटिस को लेकर डिप्टी स्पीकर नरहरि सीताराम जिरवाल को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है।

    इसके शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु, विधायक दल के नेता अनिल चौधरी और केंद्र सरकार को भी नोटिस दिया गया है।

    पृष्ठभूमि

    शिंदे गुट ने दायर की थी याचिका

    बता दें कि शिवसेना की मांग पर डिप्टी स्पीकर ने शनिवार को 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर सोमवार शाम 05:30 बजे तक पेश होने के आदेश दिए थे।

    इसको लेकर शिंदे गुट ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनकी सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।

    उन्होंने याचिका में डिप्टी स्पीकर जिरवाल के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने पर भी सवाल उठाया था।

    शुरुआत

    बागियों ने किया सरकार के बहुमत खोने का दावा

    सुनवाई के शुरुआत में बागी गुट के वकील ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सरकार ने शामिल शिवसेना के 39 विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में सरकार सदन में बहुमत खो चुकी है।

    वकील ने कहा कि सरकार के अल्पमत में होने के कारण डिप्टी स्पीकर किसी भी सदस्य को नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं। उन्हें सभी सदस्यों को कम से कम 14 दिनों का समय देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

    कारण

    सुप्रीम कोर्ट ने पूछा पहले हाई कोर्ट न जाने कारण

    सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के वकील से पूछा कि आखिर इस मामले में पहले हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया। इस पर वकील ने कहा कि यह मामला गंभीर है और विधायकों को मारने तक की धमकियां मिल रही हैं। ऐसे में सीधे शीर्ष अदालत का रुख किया है।

    उन्होंने कहा कि 2019 में सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता चुना गया था, लेकिन बिना प्रक्रिया का पालन किए उन्हें हटा दिया गया।

    नोटिस

    सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को जारी किया नोटिस

    मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को नोटिस जारी करने और स्वयं के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के संबंध में नोटिस जारी कर पांच दिन में हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

    इसके अलावा मुख्य सचेतक सुनील प्रभु, विधायक दल के नेता अनिल चौधरी को भी जवाब दाखिल करने को कहा है।

    इसी तरह केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी ऐसे मामलों में संसद के नियमों की जानकारी देने को कहा है।

    सवाल

    अपने खिलाफ मामले में जज कैसे बने डिप्टी स्पीकर- सुप्रीम कोर्ट

    मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जल्दबाजी से अवांछनीय परिणाम सामने आ सकते हैं।

    उन्होंने सवाल किया कि विधायकों की ओर से नोटिस मिला मिलने पर डिप्टी स्पीकर ने उसे खारिज क्यों किया? अपने खिलाफ मामले में उन्होंने कैसे खुद ही सुनवाई की और खुद ही जज बन गए?

    इस पर डिप्टी स्पीकर की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने कहा कि उनके खिलाफ भेजा गया नोटिस असत्यापित ईमेल से भेजा गया था।

    जानकारी

    शिंदे गुट के विधायकों को 12 जुलाई तक देना होगा नोटिस का जवाब

    सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, डिप्टी स्पीकर सहित अन्य को पांच दिन में हफलनामा दाखिल करना होगा और शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में मिले नोटिस का जवाब 12 जुलाई की शाम 05:30 बजे तक देना होगा।

    पृष्ठभूमि

    महाराष्ट्र में क्या चल रहे हैं हालात?

    बता दें कि महाराष्ट्र में शिंदे सहित शिवसेना के 39 विधायकों ने बगावत कर रखी है। शनिवार को उन्होंने अपने गुट का नाम 'शिवसेना बालासाहेब' रखने का ऐलान किया था।

    उसके बाद शिवसेना ने नए गुट में शिवसेना और उसके संस्थापक बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकने सहित छह प्रस्ताव पारित किए थे।

    इसी तरह शिवसेना की 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग पर डिप्टी स्पीकर ने उन्हें नोटिस जारी कर रखा है।

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